सरकारी अस्पताल से मरीज चिकित्सक और कर्मी हमेशा रहते है गायब

बीते डेढ़ दशक से बिना ड्यूटी दिए चिकित्सक और कर्मियों का अवमुक्त किया जा रहा है इस अस्पताल से बेतन

Update: 2020-11-07 07:45 GMT

कौशांबी जिले की चौपट स्वास्थ्य व्यवस्था की हकीकत देखने के लिए जब शनिवार को दोपहर सिराथू तहसील के सेलरहा पश्चिम में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंच कर वहां की हकीकत देखी गई तो इस अस्पताल में एक एएनएम और वार्ड ब्वाय ही मौके पर मौजूद थे चिकित्सक और अन्य स्वास्थ्य कर्मी इस अस्पताल में मौजूद नही थे मौके पर एक भी मरीज नहीं थे अस्पताल परिसर और भवन के अंदर जगह-जगह कूड़े के ढेर दीवारों और दरवाजों में जाले लगे थे अस्पताल के विभिन्न कक्ष में ताला बंद था इस अस्पताल की स्थिति देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि कई महीने से इस अस्पताल में चिकित्सक और मरीज दोनों नहीं आए हैं मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से अस्पताल के चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मियों का वेतन प्रत्येक महीने बिना रोक-टोक के उन्हें दे दिया जाता है

जब अस्पताल की दुर्दशा के संबंध में ग्रामीणों से बात की गई तो उनका कहना है कि इस अस्पताल में बीते डेढ़ दशक से इस अस्पताल में चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मी नहीं आए ग्रामीणों ने कहा कि जब अस्पताल में चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मी नहीं होंगे तो मरीजों का इलाज कौन करेगा और जब मरीजों को अस्पताल में इलाज नहीं मिलेगा तो मजबूर होकर मरीजों ने इस सरकारी अस्पताल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सेलरहा पश्चिम में आना ही बंद कर दिया है

इस अस्पताल की दुर्दशा का आलम यह है कि आकस्मिक चिकित्साक कक्ष में ताला बंद था चिकित्सक के कक्ष में भी ताला बंद था दवा औषधि वितरण कक्ष खुले थे लेकिन मौके पर फार्मासिस्ट नहीं थे ड्रेसिंग कक्ष भी खुला था लेकिन पट्टी माल हम करने वाला कोई भी मौजूद नहीं था जनरल वार्ड बेडरूम का दरवाजा बंद कर उसमें प्लास्टिक की डोरी से गांठ लगा दी गई थी दरवाजे के बाहर कूड़े का अंबार लगा था और दरवाजे के आसपास जाले लग गए थे देखने से लगता था कि कई वर्षों से इस जनरल वार्ड बेडरूम को खोला नहीं गया है

लघु ऑपरेशन कक्ष में भी ताला बंद था यह कह लिया जाए की अस्पताल की गैलरी और एएनएम कक्ष को छोड़कर पूरी तरह से यह अस्पताल बंद था लेकिन बंद अस्पताल की व्यवस्था सुचारू करने के प्रति मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा किसी प्रकार का सार्थक प्रयास अभी तक नहीं किया गया है

जबकि ग्रामीणों ने कई बार शासन प्रशासन का ध्यान इस बन्द अस्पताल की ओर आकृष्ट करा कर अस्पताल व्यवस्था को सुचारू करने की मांग की थी अब सवाल उठता है कि सेलरहा पश्चिम अस्पताल की चौपट स्वास्थ्य व्यवस्था के जिम्मेदार चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मियों के कारनामों पर उन्हें दंडित कर चिकित्सा व्यवस्था सुधार करने का प्रयास मुख्य चिकित्सा अधिकारी करते हैं या फिर जिले की चौपट स्वास्थ्य व्यवस्था में एक कड़ी और जुड़ जाएगी जनता इसका इंतजार कर रही है

चिकित्सक और कर्मी बेच रहे है दवाएं इंजेक्शन सीरिंज पट्टी मलहम टियूब आदि सामग्री

कौशाम्बी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सेलरहा पश्चिम अस्पताल में मरीजों के नाम से आने वाली दवाओं को भी अभिलेखों में फर्जी तरीके से मरीजो के नाम दर्ज कर चिकित्सक और कर्मी खुले बाजार में दवाएं इंजेक्शन सीरिंज पट्टी मलहम टियूब आदि दवा सामग्री खुले बाजार में बेच कर रकम वसूली कर लेते हैं अस्पताल के इलाज रजिस्टर में मरीजों के दर्ज नामों की जांच कराई गई तो अभिलेखों में मरीजो के फर्जी नाम दर्ज कर अस्पताल संचालित करने के कारनामें का खुलासा होगा इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी से बात करने का प्रयास किया गया लेकिन बात नहीं हो सकी है

सरकारी अस्पताल के सामने दो दशक से चिकित्सक ने सजा रखा है क्लीनिक

कौशांबी सिराथू तहसील क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सेलरहा पश्चिम की चौपट स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने का प्रयास चिकित्सक और मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने अभी तक नहीं किया है इसका लाभ एक निजी नर्सिंग होम संचालक उठा रहा है सरकारी अस्पताल में आने वाले मरीजों को जब यहाँ इलाज नहीं मिलता तो वह व्याकुल हो जाते हैं और इलाज के लिए सहारा ढूंढते हैं इसी अस्पताल के ठीक सामने एक बंगाली डॉक्टर ने अपना निजी नर्सिंग होम क्लीनिक खोल रखा है बंगाली डॉक्टर के नर्सिंग होम क्लीनिक में सुबह से शाम तक मरीजों का इलाज होता है जहाँ मरीज लूटे जाते है अवैध तरीके से सरकारी अस्पताल के सामने चल रहे निजी अस्पताल क्लीनिक की ओर चिकित्सक और मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने अभी तक कार्रवाई करने की जुर्रत नहीं की है इस अस्पताल संचालक पर आखिर स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार क्यो मेहरबान है यह एक जांच का विषय है अब स्वास्थ्य व्यवस्था की खामियों में जांच कौन करेगा यह बड़ा सवाल है

सुशील केसरवानी

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