रैकेट के सदस्यों ने जिले में ठगे हजारों करोड़, कई वर्ष बीते रैकेट के सदस्य सरगना पर नहीं दर्ज हो सका मुकदमा
तमाम ऐसे जमा कर्ता है जिन्हें समय पर पैसा न मिल पाने से इलाज के अभाव में मौत भी हो चुकी और तमाम जमा कर्ता ऐसे हैं जो आर्थिक तंगी नहीं झेल सके और मौत को गले लगा लिया.
कौशांबी जिले के गरीब मजदूर किसान व्यापारियों की मेहनत की कमाई को सोची समझी साजिश के तहत योजनाबद्ध तरीके से रैकेट के सरगना और सदस्यों ने कम समय में जनता को धन दोगुना करने का झांसा देकर पल्स कंपनी के खातों में धन जमा कराने के बाद रैकेट के सदस्यों ने गरीब कमजोर मजदूर किसान व्यापारियों का धन लूट कर फरार हो गए हैं. इस पल्स कंपनी में गरीब कमजोर मजदूर किसान व्यापारियों की रकम जमा कराने पर रैकेट के सदस्यों और सरगना को कंपनी की ओर से मोटा कमीशन मिलता था. पल्स कंपनी में गाढ़ी कमाई का पैसा जमा करने के बाद जमाकर्ता तो फटीचर से हो गए हैं.
लेकिन तमाम ऐसे जमाकर्ता है जिन्होंने जल्द धन दोगुना होने के लालच में अपने जेवर जमीन बेच करके और अपने सगे संबंधियों के लोगों से उधार रकम लेकर के कंपनी में रकम जमा कर दिया है लेकिन बीते कई वर्ष से कंपनी में जमा रकम वापस नहीं मिल रही है. जिससे जमा कर्ताओं के सामने मुसीबतें खड़ी हो गई है. तमाम जमा करता दो जून रोटी के लिए परेशान हो उठे हैं इनमें तमाम ऐसे जमा कर्ता है जिन्हें समय पर पैसा न मिल पाने से इलाज के अभाव में मौत भी हो चुकी है और तमाम जमा कर्ता ऐसे हैं .जो आर्थिक तंगी नहीं झेल सके और मौत को गले लगा लिया है लेकिन इस कंपनी के एजेंट रैकेट के सरगना करोड़ों में खेलने लगे हैं .आखिर इस ठगी के खेल में लिप्त लोगों पर कानून कब कारवाही करेगा इस बात का इंतजार जमा कर्ता कर रहे हैं.
गौरतलब है कि मोटा कमीशन के लालच में देखते-देखते कुछ ही दिनों में इस कंपनी के जिले के कार्यालय में हजारों एजेंटों ने काम करना शुरू कर दिया था और लोगों को झांसा देकर रैकेट के सदस्यों ने लोगों की गाढ़ी कमाई की रकम निकालकर कंपनी में धनजमा करा कर एजेंट और रैकेट के सदस्य तो मालामाल हो गए हैं. लेकिन इसी बीच इस कंपनी के नए संचालन पर सरकार ने रोक लगा दी सरकार से रोक लगाए जाने के बाद इस कंपनी के कार्यालय को बंद कर दिया गया है और जनता द्वारा जमा कराया गया धन वापस करने से इंकार कर दिया गया है.
सूत्रों की माने तो इस कंपनी में कौशांबी जिले के गरीब किसान मजदूर व्यापारी व अन्य लोगों के हजारों करोड़ रुपए जमा है. आम जनता का जमा धन कंपनी से जमा कर्ताओं को कैसे वापस मिलेगा इस कंपनी के व्यवस्थापक से धन को पाने के लिए जमा कर्ताओं ने समय-समय पर पुलिस की चौखट पर भी गुहार लगाई लेकिन जमा कर्ताओं का धन अभी तक वापस नहीं हो सका. योजनाबद्ध तरीके से सोची समझी साजिश के तहत इस ठगी के खेल में जुड़े एजेंट जहां रातों-रात लग्जरी गाड़ी मोटा बैंक बैलेंस के मालिक हो कर मौज कर रहे हैं. वही इस कंपनी के जिले के मुख्य सूत्रधार देखते देखते राजसी ठाठबाट आलीशान कोठियों बंगला और अकूत संपत्ति के धनी बन चुके हैं.
सूत्रों की माने तो इस कंपनी के दो मुख्य सूत्रधार भरवारी कस्बे के रहने वाले हैं और जनता की गाढ़ी कमाई का धन कमीशन के लालच में कंपनी में जमा कराने के बहाने मोटे कमीशन से बीस बीस करोड़ की संपत्ति से अधिक के मालिक बन चुके हैं आखिर ठगी के इस खेल में लिप्त रैकेट के इन सरगना के ऊपर शासन प्रशासन कब शिकंजा कस कर जनता की गाढ़ी कमाई की हजारो करोड़ की रकम पर ठोस पहल कर उसे रकम वापस कराएगी ठगी की योजना के तहत सोची समझी साजिश के तहत जनता का हजारो करोड़ का जमा धन जमा कराने के बाद कंपनी के कार्यालय को बंद कर देने के इस मामले में केंद्र सरकार ने भी ठोस कदम नहीं उठाए हैं.
वरना कंपनी के संचालक उनके अधिकारी कर्मचारी सरगना और एजेंट अब तक जेल के सलाखों के पीछे होते कौशांबी जिले मे जनता का जमा धन लूटने वाली इस कंपनी का नेटवर्क पूरे उत्तर प्रदेश ही नहीं देश के कई राज्यों में था सूत्रों की बात माने तो इस कंपनी की आड़ में देश की जनता का लाखों करोड़ों रुपये की रकम का घोटाला कंपनी संचालकों ने किया है. जो एक गंभीर अपराध है और इस अपराध पर सरकार को कानून बनाकर ठगी करने वाले लोगों उनके परिजनों की संपत्तियों को नीलाम कर इन्हें जेल के सलाखों में डालकर गरीब कमजोर मजदूर किसान व्यापारियों की रकम वापस कराने का प्रयास करना होगा. तभी गरीब कमजोर मजदूर किसान व्यापारियों को भाजपा सरकार से न्याय मिलेगा और भाजपा सरकार पर गरीब किसान मजदूर व्यापारी का भरोसा बढ़ेगा.
सुशील केशरवानी