कौशाम्बी। करारी थाना क्षेत्र के भइला मखदुमपुर गांव का एक युवक शुक्रवार की शाम दावत खाने गया था लेकिन वह रात में घर नहीं लौट सका युवक की लाश शनिवार की सुबह गांव के बाहर खेत के पेड़ में पेड़ से बंधी हुई मिली है क्लास का कमर के नीचे का हिस्सा जमीन पर पूरी तरह से लेटा हुआ था मौके पर युवक की लाश जिस तरह से बंधी थी उसे आत्महत्या कहीं नहीं कहा जा सकता लेकिन परिजनों ने पुलिस को युवक के आत्महत्या किए जाने की तहरीर दी है पुलिस ने लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है मृतक युवक चार भाई थे मृतक के भाई दुर्गेश की कुछ महीने पहले संदिग्ध मौत हो चुकी है बताया जाता है कि दुर्गेश की मौत जहर खाने से हुई है दुर्गेश ने जहर खाकर आत्महत्या कर दिया था या फिर उसे किसी ने जहर खिलाकर मौत दे दी थी लेकिन उस बार भी मौत के बाद परिजनों ने दुर्गेश की लाश का पोस्टमार्टम नहीं कराया है जिससे दुर्गेश की मौत एक रहस्य बन के रह गई है मृतक का एक भाई महेश कुमार गांव छोड़कर बाहर चला गया है बताया जाता है कि वह किसी लड़की को लेकर फरार हो गया है अब गांव में केवल एक अकेला भाई उमेश कुमार बचा है।
जानकारी के मुताबिक करारी थाना क्षेत्र के भइला मखदुमपुर गांव निवासी अखिलेश कुमार पासी उम्र लगभग 24 वर्ष पुत्र नरेश कुमार शुक्रवार की शाम दावत खाने गांव में ही गया था लेकिन दावत खाने के बाद वह वापस घर नहीं लौट सका सुबह ग्रामीणों ने देखा कि गांव के बाहर खेत में एक पेड़ से उसकी लाश बांध दी गई है आत्महत्या का रूप देने का प्रयास किया गया है लेकिन लाश देखकर स्पष्ट प्रतीत होता है कि युवक की हत्या कर लाश को पेड़ से बांध दिया गया है लाश का लटकना तो दूर शरीर का आधा हिस्सा जमीन पर लेटा हुआ था अपने भाई की हत्या कर लाश पेड़ से बांध लिए जाने की जानकारी मिलने के बाद भी मृतक के भाई उमेश कुमार ने अखिलेश कुमार के आत्महत्या किए जाने की तहरीर करारी पुलिस को दी है मौके पर पहुंची पुलिस ने युवक की लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
आत्महत्या को संदिग्ध बता रहे चिकित्सक
कौशाम्बी।*करारी थाना क्षेत्र के भइला मखदुमपुर गांव में अखिलेश कुमार पासी की मौत के बाद पुलिस ने लाश को पोस्टमार्टम भेजा है जहां परिजनों के साथ-साथ तमाम गांव वाले रिश्तेदार नातेदार भी पहुंचे हैं जिन चिकित्सकों ने अखिलेश का पोस्टमार्टम किया है उनसे लोगों ने अखिलेश की मौत पर सवाल किया है जिस पर चिकित्सकों ने अखिलेश की मौत को आत्महत्या की घटना से इंकार कर दिया है चिकित्सकों के बयानों से भी यह लगने लगा है कि अखिलेश की हत्या किसी साजिश के तहत की गई है।
फिंगरप्रिंट खोल सकता था राज
कौशाम्बी।*संदिग्ध मौत के मामले में यदि फिंगरप्रिंट के साक्ष्य की गंभीरता से जांच कराई जाए तो तमाम संदिग्ध मौतों का रहस्य उजागर होगा और संदिग्ध मौतों के मामले में फिंगरप्रिंट के सहारे पुलिस अपराधियों के गिरेहबान तक पहुंच सकती है लेकिन तमाम संदिग्ध मौत के मामले में पुलिस फिंगरप्रिंट लेने में या तो आनाकानी कर देती है या फिर पुलिस जल्दबाजी में तमाम साक्ष्य नष्ट कर देती है जिसके चलते संदिग्ध मौत के मामले में अपराधियों के गिरेहबान तक पुलिस के हाथ नहीं पहुंच पाते हैं।
राजकुमार पत्रकार