आधा बैठकर आत्महत्या करने का कौशांबी में बढ़ा प्रचलन , डोरी से बंधे अधेड़ के शव ने फिर छोड़े पुलिस पर सवाल
हत्या आत्महत्या के बीच उलझी तस्वीरों को अफसरो के गंभीरता से न लेने से मनमानी पर उतारू है थाना पुलिस
कौशाम्बी इन दिनों जिले में आधा बैठकर आत्महत्या करने का प्रचलन तेजी से बढ़ गया है डिजिटल इंडिया के युग में आत्महत्या के भी तौर तरीके कौशांबी में बदल गए हैं पुलिस इस गंभीर मामले में गंभीरता से जांच कर घटना के तथ्यों पर नहीं जाना चाहती है।
मंगलवार को फिर कोखराज थाना क्षेत्र के शहजादपुर गांव में एक अधेड़ व्यक्ति ने आधा बैठ कर आत्महत्या कर लिया है परिजनों द्वारा इसे आत्महत्या घोषित किया गया है पुलिस ने भी इसे आत्महत्या मान लिया है लेकिन गांव के लोग आत्महत्या मानने को तैयार नहीं है डोरी से बंधे अधेड़ का शव जमीन पर पैर के घुटने के बल टिके शव ने फिर तमाम सवाल छोड़ दिए हैं।
जानकारी के मुताबिक कोखराज थाना क्षेत्र के शहजादपुर गांव निवासी नाथू उम्र लगभग 50 वर्ष पुत्र लंबू ने गांव के बाहर खेत में घर बनवाकर अपने बड़े बेटे लव कुश के साथ रहता था कुछ महीने से किसी बात को लेकर बेटे से विवाद चल रहा था बीती रात परिजन खाना-पीना खाकर सो गए सुबह जब उठकर देखा तो रस्सी के सहारे अधेड़ का शव बंधा हुआ है पैर के दोनों घुटने मुड़कर जमीन पर रखे हुए हैं शव को देखते ही परिजनों ने अधेड़ के आत्महत्या की बात प्रचारित कर दी जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया स्थानीय पुलिस का कहना है कि अधेड़ ने आत्महत्या कर लिया है।
आखिर मोदी सरकार के डिजिटल इंडिया के बाद आखिर कौन सी नई तकनीक उत्पन्न हो गई है जिससे जमीन में बैठकर भी फंदा लगाकर आत्महत्या किया जा सकता है यह बात लोगों के समझ में नहीं आ रही है लेकिन स्थानीय पुलिस आत्महत्या के इस आधुनिक तकनीक को भली-भांति समझ रही है आधुनिक तकनीक से आत्महत्या किए जाने के मामले में स्थानीय पुलिस की लापरवाही और मनमानी पर पुलिस अफसर मामले को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं शहजादपुर गांव में अधेड़ की मौत ने अपने पीछे तमाम सवाल छोड़ दिए हैं जो सूक्ष्म जांच का बड़ा विषय है इसके पहले भी आधुनिक तकनीक से जमीन में आधा बैठकर आत्महत्या किए जाने के कई मामले कोखराज थाना क्षेत्र सहित विभिन्न थाना क्षेत्र में पहले भी आ चुके हैं।