नौढिया गांव में 6 दिन में मिली तीन लाशें, दो लाश की हुई शिनाख्त तीसरी लाश की पुलिस नही कर सकी शिनाख्त

ऑडियो वीडियो फोटो वायरल होने के बाद भी पुलिस मान रही दुर्घटना

Update: 2022-11-11 13:06 GMT

कौशाम्बी: कोखराज थाना क्षेत्र के नौढिया गांव के पास रेल लाइन पर बीते 6 दिनों के बीच में 2 महिला एव एक पुरुष की लाश मिल चुकी है एक पुरुष और एक बालिका की लाश की शिनाख्त परिजनों ने कर ली है लेकिन एक महिला की लाश की शिनाख्त पुलिस नहीं कर सकी है घटनास्थल पर लाश के पास खून मौजूद नहीं है लेकिन फिर भी पुलिस मामले को आत्महत्या और दुर्घटना मान रही है जबकि बालिका के लाश मिलने के बाद ऑडियो वीडियो और फोटो वायरल हो रही है फोटो में साफ दिखाई पड़ रहा है कि कुछ लोग बालिका की लाश रेल लाइन पर फेंक कर झाड़ी के पास खड़ी बाइक की ओर तेजी से भाग रहे है।

5 नवंबर को दलित बालिका अंजली निवासी कशिया पश्चिम की लाश नौढिया गांव के पास रेल लाइन पर पड़ी थी पुलिस ने पोस्टमार्टम को भेजा बाद में परिजनों ने बालिका की शिनाख्त की, अंजली की मौत के बाद फोटो वीडियो और ऑडियो वायरल हो रहे हैं ऑडियो में अंजली की हत्या किए जाने की धमकी दी जा रही है हालांकि हम इस ऑडियो वीडियो फोटो की पुष्टि नहीं कर रहे हैं वही फोटो में साफ दिखाई पड़ रहा है कि कुछ लोग बालिका की लाश को रेल लाइन पर रख रहे हैं और उसके बाद वीडियो में साफ देखा जा रहा है कि लाश की ओर से कुछ लोग झाड़ी में खड़ी बाइक की तरफ तेजी से भाग रहे हैं। 

लेकिन घटना को कई दिन बीत जाने के बाद भी मामले के नामजद आरोपियों पर पुलिस ने कार्यवाही करते हुए मुकदमा नहीं दर्ज किया है आरोपियों की गिरफ्तारी करना तो पुलिस के लिए दूर की बात है इस घटना को लोग भूल नहीं पाए थे कि 10 नवम्बर को फिर नौढिया गांव में रेल लाइन के पास एक महिला की लाश मिली है यह महिला कहां की है रेल लाइन तक कहां से पहुंची है इन तमाम सवालों को खोजने का पुलिस ने प्रयास नहीं किया है महिला की लाश की शिनाख्त पुलिस नहीं कर सकी है। 

दो घटनाओं के बाद फिर 11 नवंबर को रामपुर सुहेला गांव निवासी जमुना प्रसाद पुत्र महादेव सरोज की लाश नौढिया गांव के पास रेल लाइन पर मिली है इस मामले में भी पुलिस ने बिना किसी जांच-पड़ताल के ही आत्महत्या मान लिया है जबकि आत्महत्या करते किसी ने देखा नहीं है आखिर बिना साक्ष्य सबूत के पुलिस ने कैसे अधेड़ की मौत को आत्महत्या मान लिया है आत्महत्या दुर्घटना बताकर थाना पुलिस विवेचना तफसीश से दूर भागती दिख रही है जबकि यदि 6 दिन के बीच मिली तीन लाशों के मामले में पुलिस सूक्ष्म जांच कराए तो तमाम चौंकाने वाले खुलासे होंगे लेकिन आत्महत्या और दुर्घटना की बयान बाजी कर थाना पुलिस जांच से बचना चाहती है जिससे थाना पुलिस की निष्ठा पर भी सवाल उठ रहे हैं।

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