जाँच को प्रभावित कर सकते हैं केशव, उन्हें इस्तीफ़ा दे देना चाहिए- शाहनवाज़ आलम
याचिकाकर्ता और मजिस्ट्रेट को सरकार दे सुरक्षा
लखनऊ। प्रयागराज ज़िला अदालत द्वारा उप मुख्यमंत्री की डिग्री की जाँच के आदेश का अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज़ आलम ने स्वागत किया है। उन्होंने उप मुख्यमन्त्री से इस्तीफ़े की मांग की है।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि अदालत के आदेश के बाद मुख्यमन्त्री जी को अपने पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है। वो अपने रसूख से जांच को प्रभावित कर सकते हैं। उन्होंने इस मामले में याचिकाकर्ता और भाजपा नेता दिवाकर त्रिपाठी को दो गनर देने और आदेश देने वाले मजिस्ट्रेट की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए उनके घर के बाहर गारद लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि केशव प्रसाद मौर्या जी जिस पार्टी से जुड़े हैं उस पर जजों और गवाहों की हत्या कराने तक के संदेह अतीत में व्यक्त किये जाते रहे हैं।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि जिस डिग्री की कहीं मान्यता नहीं है उसे लगाकर कोई अगर विधायक बन जाए, पेट्रोल पम्प ले ले तो जाँच के दायरे में चुनाव आयोग और पेट्रोल पम्प आवांटित करने वाली एजेंसियों के अधिकारी भी आने चाहिए। इसलिए इस पूरे मामले के जाँच के लिए सरकार को एस आई टी गठित करनी चाहिए। गौरतलब है कि केशव प्रसाद मौर्या पर चुनावों में अपनी डिग्री के बतौर हिंदी साहित्य सम्मेलन से प्रथम और द्वितीय का प्रमाणपत्र लगाया था। जिसे किसी भी बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है।