कुशीनगर हादसा : मातम के बाद सादगी से हुई शादी, सिर्फ दूल्हा पंहुचा दुल्हन के घर
हल्दी की रस्म के दौरान स्लैब टूटने से कुएं में गिरकर 13 लोगों की मौत के बाद शादी सिर्फ रस्म अदायगी बनकर रह गई।
कुशीनगर हादसे से के बाद से पुरे गांव में मातम और दहशत का माहौल है| ऐसे में हल्दी की रस्म के दौरान स्लैब टूटने से कुएं में गिरकर 13 लोगों की मौत के बाद शादी सिर्फ रस्म अदायगी बनकर रह गई। दोनों घरों से सिर्फ दूल्हा ही विवाह कराने गए। बेहद सादगी से शादी की रस्मे पूरी की गईं।
बता दें कि बुधवार की रात कुशीनगर के नौरंगिया गांव के स्कूल टोला पर रहने वाले परमेश्वर कुशवाहा के बेटे की गुरुवार को शादी थी। बुधवार की रात वैवाहिक रस्म के क्रम में महिलाएं हल्दी की रस्म अदायगी के दौरान गांव में बाहर मटकोर करने गई थीं और उनके साथ बच्चे भी गए थे। लौटते समय रात हो गई। रास्ते में भीड़ अधिक थी। महिलाएं और किशोरियां नाचते गाते हुए लौट रही थीं। उनके साथ बच्चे भी थे। गांव में आने का रास्ता संकरा है और किनारे गहरा कुआं है। इस पर बीस साल पहले स्लैब पड़ी थी। जगह न मिलने से कुछ बच्चे और महिलाएं कुएं पर चढ़ गए। अचानक स्लैब टूट गयी और कई लोग कुएं में गिर पड़े। इस हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई थी। इन सबकी अंत्येष्टि गुरुवार को एक साथ की गई।
हादसे के पहले नौरंगिया के दो परिवारों में धूमधाम से विवाह समारोह की तैयारियां चल रही थीं लेकिन हादसे के बाद दोनों परिवारों में शादी सिर्फ रस्म अदायगी बनकर रह गई। परमेश्वर कुशवाहा के बेटे और ज्ञानी कुशवाहा के बेटे की शादी बेहद सादगीपूर्ण ढंग से गुरुवार की रात सम्पन्न कराई गई। दोनों घरों से सिर्फ दूल्हा ही विवाह कराने गए। दूल्हे के पहुंचने पर सादगी से द्वारपूजा और शादी की अन्य रस्में पूरी की गईं।