कुशीनगर हादसा: लापरवाही के चलते एमओआईसी समेत कई स्वास्थ्यकर्मियों पर होगी कार्यवाई
आक्रोशित ग्रामीणों ने गुरुवार को एक घंटे के लिए एनएच 28 जाम कर दिया, उनकी मांग थी कि नेबुआ नौरंगिया सीएचसी के लापरवाह अधीक्षक, स्वास्थ्यकर्मियों और एंबुलेंसकर्मियों पर कार्रवाई की जाए
उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में कुएं में गिरने से 13 महिलाओं व बच्चियों की दर्दनाक मौत के बाद नौरंगिया गांव में मातम पसरा है। बता दें कि हादसे से आक्रोशित ग्रामीणों ने गुरुवार को एक घंटे के लिए एनएच 28 जाम कर दिया। उनकी मांग थी कि नेबुआ नौरंगिया सीएचसी के लापरवाह अधीक्षक, स्वास्थ्यकर्मियों और एंबुलेंसकर्मियों पर कार्रवाई की जाए। डीएम के निर्देश पर कमेटी बनाकर जांच कराई गई। रिपोर्ट के आधार पर एमओआईसी को हटा दिया गया। फार्मासिस्ट को सस्पेंड कर दिया गया है। दो एंबुलेंस चालकों को बर्खास्त कर दिया गया है और दो को देर से पहुंचने के आरोप में हटा दिया गया है।
बुधवार की रात मटकोर की रस्म के दौरान नौरंगिया गांव में कुएं पर रखा गया स्लैब टूट कर गिर गया था। 23 महिलाएं और बच्चे कुएं में गिर गए थे। ग्रामीण व पुलिस लाख प्रयास के बाद भी 13 महिलाओं व बच्चियों को नहीं बचा पाए थे। भोर में सभी शवों का पोस्टमार्टम कराकर एंबुलेंस से गांव भेज दिए गया। ग्रामीणों ने एक साथ सभी शवों का दाह संस्कार पनियहवा के नारायणी घाट पर किया। उधर, ग्रामीणों के रोड जाम करने की सूचना पर सांसद विजय दुबे मौके पर पहुंचे। लोगों को कार्रवाई का आश्वासन देकर जाम समाप्त कराया। इधर डीएम एस राजलिंगम ने सीएमओ को ग्रामीणों के आरोपों की जांच के बाद कार्रवाई का निर्देश दिया।
एडीशनल सीएमओ डॉ. ताहिर व डॉ. एएन ठाकुर की दो सदस्यीय टीम गठित कर जांच करायी गयी। सीएमओ डॉ. सुरेश पटारिया ने बताया कि शाम को रिपोर्ट के आधार पर एमओआईसी समेत अन्य स्वस्थ्यकर्मियों पर कार्रवाई की गयी। एडीएम देवीदयाल वर्मा ने बताया कि गुरुवार को मृतकों के परिजनों के खाते में जिला प्रशासन की ओर से चार-चार लाख की रकम ट्रांसफर कर दी गयी। मृतकों में 12 नौरंगिया गांव की जबकि एक लड़की सपहा के गिदहा गांव की रहने वाली है।