लखीमपुर खीरी बवाल: जांच के लिए न्यायिक आयोग गठित, हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज प्रदीप श्रीवास्तव करेंगे अध्यक्षता

प्रदेश सरकार ने इस मामले की जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज प्रदीप कुमार श्रीवास्‍तव से कराने का फैसला किया है

Update: 2021-10-08 07:16 GMT

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लखीमपुर की घटना ने राजनीतिक रूप से तूल पकड़ लिया है। इसके साथ ही न्यायिक प्रक्रिया में भी तेजी दिखाई दे रही है। सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर हिंसा पर सख्‍त रुख अपनाते हुए राज्‍य सरकार से स्‍टेटस रिपेार्ट की मांग की है। जिसमें न्‍यायालय ने सरकार से पूछा है कि आठ लोगों की मौत का जिम्‍मेदार कौन है?

इस घटना के बाद अब तक किस-किसके खिलाफ और क्‍या कार्रवाई की गई है ‍? सर्वोच्च न्‍यायालय के इस सख्‍त रुख के बाद यूपी पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए सक्रिय हो गई है। पुलिस ने आशीष पांडेय और लवकुश नाम के दो आरोपियों को हिरासत में लिया है।

उधर, प्रदेश सरकार ने इस मामले की जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज प्रदीप कुमार श्रीवास्‍तव से कराने का फैसला किया है। जज प्रदीप कुमार श्रीवास्‍तव की अध्‍यक्षता में एकल सदस्‍यीय न्‍यायिक आयोग का गठन करते हुए प्रदेश सरकार ने मामले में दो महीने में रिपेार्ट देने को कहा है। 

न्यायिक जांच के अलावा किसान गृहराज्य मंत्री की बरखास्तगी और उनके बेटे की गिरफ्तारी भी चाहते हैं। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि, "हमारा समझौता केंद्रीय गृह राज्यमंत्री की बर्खास्तगी और पिता-पुत्र की गिरफ्तारी पर हुआ है न कि किसानों को मिले मुआवजे पर। यदि कोई मंत्री यह समझ रहा है कि समझौता मुआवजे पर हुआ है तो वह अपनी जुबान को लगाम देकर इस तरह की बयानबाजी कदापि न करें। अपना अकाउंट नंबर दे दें, जो पैसा किसानों को दिया गया उतना पैसा ट्रांसफर करा दिया जाएगा।"

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