सत्ता के मद में मदमस्त विधायक बने भूमाफिया भूमि कब्जे के लगे आरोपों से स्वच्छ छवि मुख्यमंत्री की साख भी दांव पर?

Update: 2020-12-18 08:53 GMT

लखीमपुर-खीरी: केन्द्र की भाजपा सरकार के सामने यूपी चुनाव में मुख्यमंत्री का चेहरा तय करना बड़ा ही मुस्किल काम था, काफी सोंच विचार के बाद सूबे की कमान योगी आदित्य नाथ के हाथों में सौंपी गई और यह फैसला काफी हद तक सही भी साबित हुए।

सूबे के मुख्यमंत्री बनते ही योगी आदित्य नाथ ने एक के बाद एक ताबड़तोड़ कई अहम फैसले लिये जिनकी चहुॅओर प्रसंसा हुई। इन्हीं में से एक भू-माफियाओं के खिलाफ चलाया गया अभियान है। तमाम भू माफियाओं के खिलाफ जबरदस्त आंदोलन चला, तमाम भू-माफियाओं के चंगुल से भूमि छुटा कर पात्रांे को दी जा रही। वहीं दूसरी ओर सत्ता के मद में मदमस्त हुए भाजपा के कुछ विधायकों पर गरीबों की भूमि कब्जे के लगे आरोपों से स्वच्छ छवि के मुख्यमंत्री की साख भी दांव पर लगी है।

जिला अधिकारी को दिए गए प्रार्थना पत्र में थाना कोतवाली पलिया निवासी रूपेश कुमार पुत्र महेश कुमार निवासी मोहल्ला रंगरेजान ने पलिया भाजपा विधायक रोमी साहनी पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं। शिकायतकर्ता के अनुसार विधायक रोमी साहनी उसकी बेहद कीमती पैतृक जमीन जोकि दुधवा रोड पर है, को खरीदने के इच्छुक थे। किंतु उक्त संपत्ति वह बेचना नहीं चाहता था। प्रारंभ में ही सत्ताधारी विधायक द्वारा जबरन संपत्ति बेचने का दबाव बनाया जाने लगा।

जब किसी भी तरह से शिकायतकर्ता अपनी जमीन बेचने को नहीं तैयार हुआ तो स्थानीय पुलिस के सहयोग से पीड़ित पर बेवजह फर्जी तरीके से मुकदमे लाद दिए गए। साथ ही शिकायतकर्ता की जमीन पर पुलिस के सहयोग से जबरन कब्जा कर लिया गया। संबंधित घटनाक्रम में थाना पुलिस ने सत्तापक्ष के विधायक के प्रति ईमानदारी दिखाने के कारण तमाम नियम कायदों को दरकिनार कर पीड़ित को ही आरोपी बना दिया है।

खुद के घर से ही बेदखल होने और फर्जी मुकदमों में जबरन आरोपी बनाया गया, शिकायतकर्ता आज खुद व परिवार को बचाने के प्रयास में दर-दर की ठोकरें खाने पर विवश है। ज्ञात हो पीड़ित की पत्नी पर भी पुलिस द्वारा अभियोग पंजीकृत किया गया है। शिकायतकर्ता ने जिला अधिकारी, मुख्यमंत्री, पुलिस अधीक्षक समेत तमाम अन्य अधिकारियों को प्रेषित पत्र में खुद व परिवार की जान-माल की हानि की भी आशंका जताई है।

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