लखीमपुर खीरी हिंसा का चौथे चरण के मतदान पर पड़ेगा असर? अजय मिश्रा की प्रतिष्ठा पर लगा दांव
अजय मिश्रा टेनी स्थानीय सांसद हैं और किसानों की मौत मामले में एफआईआर में बेटे आशीष मिश्रा का नाम दर्ज किए जाने के बाद इस विवाद के केंद्र में भी रहे।
बीते साल अक्टूबर महीने में लखीमपुर खीरी ने हिंसा और चार किसानों की हत्या की वजह से अचानक सारे देश का ध्यान खींचा था। बता दें कि यहां 23 फरवरी को मतदान होने जा रहा है। 2017 के चुनाव में इस सीट से भाजपा के योगेश वर्मा ने समाजवादी पार्टी के उत्कर्ष वर्मा मधुर को 37 हजार वोटों से हराकर जीत हासिल की थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अब इस सीट पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी हुई है। अजय मिश्रा टेनी स्थानीय सांसद हैं और किसानों की मौत मामले में एफआईआर में बेटे आशीष मिश्रा का नाम दर्ज किए जाने के बाद इस विवाद के केंद्र में भी रहे।दिलचस्प यह है कि भाजपा और सपा दोनों ने इस बार पुराने उम्मीदवारों पर ही दांव लगाया है। लखीमपुर हिंसा के बाद संसद के अंदर और बाहर इस मुद्दे पर गर्माई सियासत की वजह से इस सीट पर सबकी नज़रें टिकी हैं। 2012 में सपा उम्मीदवार उत्कर्ष वर्मा मधुर ने बसपा के ज्ञान प्रकाश वाजपेयी को हराया था। कांग्रेस ने यहां से रविशंकर त्रिवेदी और बसपा ने मोहन वाजपेयी को मैदान में उतारा है। आम आदमी पार्टी (आप) ने खुशी किन्नर और एआईएमआईएम (AIMIM) ने मो.उस्मान सिद्दकी को मैदान में उतारा है।
बता दें कि लखीमपुर खीरी की आठ विधानसभा सीटों में मोहम्मदी, गोला गोरखनाथ, कास्ता, लखीमपुर, श्रीनगर, निगहासन, धौरहरा और पलिया कलान शामिल हैं। कुल 28,02, 835 वोटर हैं जिनमें से 1495069 वोटर पुरुष और 1307623 वोट महिला के हैं। इस बार 42,911 नए वोटर लिस्ट में शामिल किए गए हैं जो पहली बार मतदान करेंगे। 2017 के चुनाव में भाजपा ने लखीमपुर खीरी की सभी सीटों पर जीत हासिल की थी। तीन अक्टूबर को लखीमपुर हिंसा में चार किसानों सहित कुल आठ लोगों की मौत हुई थी। आरोप है कि केंद्रीय गृहराज्य मंत्री आशीष मिश्रा के बेटे अजय मिश्रा ने अपनी एसयूवी कार से चार किसानों को कुचल डाला था। इस हिंसा में एक स्थानीय पत्रकार की भी मौत हुई थी।
लखीमपुर हिंसा, प्रादेशिक और राष्ट्रीय अखबारों की सुर्खियों में था। इस मामले में आशीष मिश्रा को गिरफ्तार किया। वो जेल में था। हाल में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आशीष मिश्रा की जमानत मंजूर कर ली थी। 1977 से लेकर अब तक समाजवादी पार्टी चार और भाजपा तीन बार इस सीट से जीत चुकी है। सात चरणों में हो रहे यूपी चुनाव का परिणाम 10 मार्च को आएगा।