सजा से पहले छलका मां का दर्द,2 बेटियों से गैंगरेप-हत्याकांड, बोली अब दरिंदों को नाबालिग बताया जा रहा
अपनी बेटियों को इंसाफ दिलाने के लिए हम लोगों की कोर्ट के चक्कर लगाते-लगाते चप्पल घिस गई।
अपनी बेटियों को इंसाफ दिलाने के लिए हम लोगों की कोर्ट के चक्कर लगाते-लगाते चप्पल घिस गई। लेकिन फैसला मेरी बेटियों के साथ अन्याय करने वाला आया है। मेरी बेटियों को घर से उठाते समय वो लोग नाबालिग नहीं थे। अब वो लोग नाबालिग हो गए।
सीओ और दरोगा ने मिलकर पूरा केस ही बदल दिया। पैसा लेकर आरोपियों को बचाया गया है। ये हमारे साथ बहुत बड़ा धोखा है। हमें जब जान के बदले जान मिलेगी तब संतुष्टि होगी। पुलिस ने पैसे लेकर हमारा केस कमजोर कर दिया।”
ये शब्द उस मां के हैं जिसे 1 साल पहले अपनी दो बेटियों की लाश गैंगरेप और हत्या के बाद एक पेड़ से लटकी मिली थी। ये घटना लखीमपुर के निघासन थाना क्षेत्र की है। इस मामले में कोर्ट ने 11 अगस्त को जो फैसला सुनाया है उससे परिवार खुश नहीं है।
मां और भाई के चेहरे पर उदासी साफ दिखाई दे रही
कोर्ट ने आरोपी सुनील और जुनैद को धारा 302, 376-डी और 363 का दोषी माना है। करीमुद्दीन और आरिफ को सबूतों से छेड़छाड़ और पुलिस को गुमराह करने का दोषी माना है। वहीं दो को बाल सुधार गृह भेज दिया है। यहां तक की एससी-एसटी की धारा भी हटा दी गई।
बता दें, लखीमपुर के निघासन थाना क्षेत्र में 14 सितंबर 2022 को दो सगी बहनों की लाश उनके घर से 1 किलोमीटर दूर एक पेड़ पर लटकी मिली थी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, बेटियों की गैंगरेप के बाद गला दबाकर हत्या कर दी गई थी। उसके बाद उनके शव पेड़ पर लटकाए गए थे। मामले को लेकर पूरा गांव देखते ही देखते छावनी में बदल गया था। हर तरफ पुलिस मौजूद थी।
वहीं परिवार और गांव के लोग बेटियों के इंसाफ के लिए हंगामा कर रहे थे। पीड़ित मां बेसुध पड़ी हुई थी। आरोपी बेटियों को उसकी मां के सामने से ही उठाकर बाइक से ले गए थे। पुलिस ने मां के द्वारा बताए गए नामों के आधार पर 15 घंटे के अंदर 6 युवकों को गिरफ्तार कर लिया था।
पीड़िता के घर पर 1 साल बाद भी कुछ नहीं बदला है
कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखने के बाद 14 अगस्त को दोषियों को सजा सुनाने की बात कही है।
वहीं उनका भाई एक कमरे में था। पिता किसी रिश्तेदारी में गए हुए थे। समय के साथ हर दर्द भर जाता है लेकिन मां और भाई की आंखों में आज भी बेटियों के जाने का दर्द साफ दिखाई दे रहा था। बात करते उन दोनों की आंखें भर आतीं लेकिन वो लोग आंसू छुपाने के लिए आंखों को कपड़े से ढक लेते हैं
14 सितंबर साल 2022 को दोनों बहनों की लाश एक ही पेड़ से लटकी हुई परिवार को मिली थी।
मां का कहना है,घटना के बाद हमारा गांव में जीना मुश्किल हो गया। पहले तो मेरी बेटियों के लिए गलत बातें बोली गईं। वो दोनों मर चुकी थीं लेकिन उसके बाद भी इन लोगों ने उनको कोसा। बेटियों को उन लड़कों से चक्कर होने की बात कही गई।
मां का कहना है, हम लोग सामान खरीदने या कोई काम करने घर के बाहर नहीं जा सकते हैं। जो मिल जाता है, बस वही खा लेते हैं।
जब हम लोग कोर्ट सुनवाई के लिए जाते तो आरोपी पक्ष हमें धमकाता। कहता, जैसे तुम्हारी बेटियों को मुंह दबाकर मारा है।वैसे ही तुमको भी मारेंगे। वो लोग हम लोगों के साथ गाली-गलौज करते। ऊपर से विपक्ष के वकील के सवाल ऐसे होते कि मुंह से कुछ नहीं निकल पाता। बस आंख से आंसू आने लगते थे। ऐसा लगता था, हम लोगों ने कोई गुनाह किया हो। आरोपी पक्ष के लोग मेरे बेटे को देख लेने की धमकी देते।
जब कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई तो यही पुलिस वाले हमारे पैर छूकर बोलते मारपीट की बात कोर्ट में न बोलना, हम लोग आपकी बेटी के साथ इंसाफ करेंगे। आरोपियों को फांसी की सजा कराएंगे।
जब घटना हुई थी तब तो मामला शांत करने के लिए हम लोगों को 5 बीघा जमीन, सरकारी नौकरी, सरकारी आवास और 25 लाख रुपए देने की बात कही थी। लेकिन आज तक कुछ नहीं मिला। बस 10-12 लाख रुपए मिले थे वही पैसे हम लोगों ने मामले की सुनवाई के दौरान खर्च किए हैं।
मामले में 6 आरोपियों के खिलाफ IPC की धारा 364, 120 B, 201 और 34 के अलावा ST/ST एक्ट, पॉक्सो और 376 D के तहत केस दर्ज किया गया था। मामले में दो आरोपी नाबालिग थे, इसके चलते उसे बाल सुधार गृह में रखे गये हैं।