जब घर से उठी दो अर्थी: आर्थिक हालात से जूझ रहे अनुदेशक ने लगाई फांसी, बेटे की मौत की खबर सुनकर माँ की मौत
एक साथ माँ बेटे की मौत की खबर से सभी पड़ोसी भी गमगीन थे।
ललितपुर जनपद के अनुदेशक प्रमोद सोनी जो कि यूपीएस झुमरनाथ तालबेहट में कार्यरत थे। प्रमोद सोनी निवासी कुआघोसी महरौनी ने आज रात्रि में मानदेय ना बढ़ने के कारण फाँसी लगा ली। उनकी मौत का सदमा अस्सी वर्षीय माँ से बर्दाश्त नहीं हुआ और उन्होंने छत से ही छलांग लगा दी।
प्रमोद सोनी ललितपुर जिले के महरौनी के रहने वाले थे। जबकि घर से कई किलोमीटर दूर तालबेहट विकास खंड स्थित झुमरनाथ गाँव में उच्च प्राथमिक विधालय मे कार्यरत थे। प्रमोद के साथ ही साथ 3 बच्चें माता पिता होंने के कारण 7000 के अल्प मानदेय में भरण पोषण नही हो पा रहा था। जिससे प्रमोद लगातार मानसिक दवाव और गहरे अवसाद में जी रहे थे। आज सवेरे सवेरे उन्होंने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
उनकी मौत की खबर जब उनकी बुजुर्ग माँ को मिली तो उन्होंने छत से ही छलांग लगा दी। नीचे गिरने पर मौजूद भीड़ ने उन्हे उठाया तो उनकी हालत चिंता जनक थी। मौजूद परिजन उन्हे अस्पताल ले गए जहां उनका निधन हो गया। फिलहाल अनुदेशक प्रमोद सोनी के शव को पीएम के लिए भेज दिया गया है, जबकि माँ का शव अस्पताल से घर लाया जा रहा है।
देखते ही देखते उनके परिवार पर वज्रपात हो गया। एक हँसते खेलते परिवार में अब आँगन में एक नहीं दो दो लाशें रखी थी। अब रोते रोते किसी आँखों में आँसू नहीं बचे थे। सबको जल्दी थी कि उनका अंतिम संस्कार किया जाए। लेकिन किसी ने ये नहीं सोचा कि समाज में नौकरी करने वाला व्यक्ति क्यों मर गया। इसका कोई जबाब किसी के पास नहीं है।
काश इनका वेतन समय रहते बढ़ गया होता तो आज यह दशा नहीं होती।