दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर दो दिन के लिए बंद रहेंगी शराब की दुकानें, जानें वजह?

उत्तर प्रदेश में पहले चरण के विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) के कारण मंगलवार शाम से पड़ोसी जिले गाजियाबाद और नोएडा से 100 मीटर के दायरे में दिल्ली सीमा पर स्थित शराब की सभी दुकानें अगले दो दिनों तक बंद रखने का फैसला लिया गया है..

Update: 2022-02-08 14:32 GMT

राजधानी दिल्ली और यूपी बॉर्डर पर स्थित सभी शराब की दुकानें (Delhi Liquor Shops) अगले दो दिनों तक बंद रहेंगी। बता दें कि उत्तर प्रदेश में पहले चरण के विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) के कारण मंगलवार शाम से पड़ोसी जिले गाजियाबाद और नोएडा से 100 मीटर के दायरे में दिल्ली सीमा पर स्थित शराब की सभी दुकानें अगले दो दिनों तक बंद रखने का फैसला लिया गया है। यह निर्णय यूपी में निष्पक्ष और शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव संपन्न कराने के उद्देश्य से लिया गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दिल्ली के आबकारी आयुक्त द्वारा जारी एक नोटिस में कहा गया है कि 8 फरवरी को शाम 6 बजे से 10 फरवरी को मतदान समाप्त होने तक और फिर 10 मार्च को मतगणना के दिन (मतदान के 48 घंटे से पहले) ड्राई डे मनाया जाएगा। यह आदेश आबकारी विभाग के उन सभी लाइसेंसधारियों के लिए अनिवार्य होगा जिनके खुदरा विक्रेता या परिसर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में दिल्ली-यूपी सीमा से दिल्ली में 100 मीटर के भीतर स्थित हैं।

वहीं गौतमबुद्धनगर और गाजियाबाद समेत उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों के लिए सात चरणों में मतदान 10 फरवरी से शुरू होगा। उत्तर प्रदेश में मतदान 10 फरवरी, 14, 20, 23, 27 फरवरी और 3 और 7 मार्च को सात चरणों में होंगे। मतों की गिनती 10 मार्च को होगी। गाजियाबाद जनपद में पहले चरण में 10 फरवरी को मतदान होगा।

बता दें कि देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में विधानसभा की 403 सीटें हैं। वर्ष 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में भाजपा को शानदार सफलता मिली थी। उत्तर प्रदेश में मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 14 मई 2022 को समाप्त हो जाएगा। 2012 से 2017 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी को 2017 के विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश विधानसभा की 403 सीटों में सिर्फ 47 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि भारतीय जनता पार्टी ने अकेले 312 और उसके सहयोगियों ने 13 सीटें जीती थीं। वहीं, BSP को 19, कांग्रेस को 07 सीट और अन्य को 5 सीटें मिली थीं। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा को भारी जीत मिली थी। 

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