आडवाणी, ईरान और शत्रुघन- यशवंत ले डूबेंगे राजनाथ को!

Update: 2019-05-04 17:23 GMT

अतीत की गलतियां और भबिष्य के कुत्सित इरादे, एकजुट होकर अक्सर बड़े बड़ों को धराशायी कर देते हैं। भाजपा के वर्तमान नेतृत्व पर इस चुनाव में लखनऊ सीट पर शायद यही मिसाल लागू हो रही है। यहां राजनाथ सिंह के लिए भाजपा नेतृत्व की अतीत की दो बड़ी गलतियां और भविष्य का एक मंसूबा घातक बनकर सामने आया है।

भाजपा नेतृत्व ने जिस तरह अपने संस्थापक और पुरोधा लाल कृष्ण आडवाणी को राजनीतिक कूड़ेदान में डाला है, उससे यहां का एक लाख सिंधी मतदाता भाजपा से नाराज हो चुका है। इसी तरह, भाजपा नेतृत्व ने जिस तरह अपने दो अन्य दिग्गजों व कायस्थ नेताओं यशवंत सिन्हा और शत्रुघ्न सिन्हा को भी अपमानित करके दरकिनार कर दिया, उससे भी लखनऊ के पांच लाख कायस्थ मतदाता समेत देशभर के कायस्थ मतदाता नाराजगी महसूस कर रहे थे। इसके चलते पूरे आसार बन चुके हैं कि जन्म से सिंधी और कायस्थ परिवार की बहू पूनम सिन्हा को इन दोनों समुदायों का अच्छा खासा वोट मिल जाये।

लखनऊ का एक अन्य बड़ा मतदाता वर्ग यानी शिया समुदाय भी आजकल भाजपा सरकार से खासा नाराज है और भविष्य में उसके मंसूबों को लेकर बहुत चिंतित है। क्योंकि खबरें आने लगी हैं कि चुनाव के दौरान ही भारत जल्दी अमेरिका के दबाव में शिया मुल्क ईरान को चौतरफा घेरने वाले समूह में शामिल होने वाला है। इससे शिया मतदाता वर्ग नाराज होकर भाजपा की सरकार बनने से रोकने के लिए सपा बसपा गठबंधन उम्मीदवार को वोट देने की तरफ बढ़ रहा है।

कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि आडवाणी को राजनीतिक कूड़ेदान में डाले जाना, कायस्थ नेताओं का अपमान और एकमात्र शिया मुल्क ईरान की तबाही के मंसूबे पालने वाले अमेरिका से गलबहियां ....ये तीन फैक्टर कहीं और असर डालें या न डालें लेकिन लखनऊ में राजनाथ सिंह की हार के सबसे बड़े कारण बन सकते हैं।

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