यूपी : STF के खिलाफ दर्ज दर्ज विदेशी मुद्रा की लूट का मुकदमा, जानिए- क्या है पूरा मामला?
सभी के खिलाफ लूट और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की एफआइआर दर्ज की गई है।
लखनऊ : राजधानी और बाराबंकी पुलिस पर दाग लगने के बाद अब कानपुर एसटीएफ की काली करतूत भी उजागर हुई है। विदेशी मुद्रा की बरामदगी के मामले में एसएसपी कलानिधि नैथानी की जांच में एसटीएफ में तैनात सीओ, इंस्पेक्टर व सिपाही अवैधानिक कृत्यों में संलिप्त पाए गए। वहीं तत्कालीन इंस्पेक्टर बंथरा की व्यावसायिक लापरवाही उजागर हुई है। पीड़ित की तहरीर पर बंथरा थाने में एसटीएफ के सीओ विजय प्रताप सिंह, इंस्पेक्टर जैनुद्दीन, सिपाही राकेश और बंथरा थाने के तत्कालीन प्रभारी बृजेश सिंह के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई है।
सूत्रों के मुताबिक एसएसपी ने जांच रिपोर्ट दो सप्ताह पहले ही उच्चाधिकारियों को सौंप दी थी। जांच में आरोपित एसटीएफ के पुलिसकर्मियों पर एफआइआर की संस्तुति की गई थी, लेकिन उच्चाधिकारी मामले को दबाने में जुटे रहे। शनिवार को पूरे दिन एफआइआर दर्ज करने की कवायद चलती रही। डीजी मुख्यालय से एफआइआर दर्ज करने का पत्र मिलने के बाद एसएसपी ने शनिवार देर रात में एफआइआर दर्ज करने के निर्देश दिए।
लुकमान ने तहरीर में इंस्पेक्टर बंथरा बृजेश सिंह को भी आरोपित बनाया है। जांच में पता चला कि इंस्पेक्टर की कुर्सी पर एसटीएफ के सीओ बैठे थे, जिससे पीड़ित को लगा कि सामने वाला थाने का प्रभारी है। सीसी कैमरों की पड़ताल में बृजेश थाना परिसर में मौजूद मिले। इस मामले में इंस्पेक्टर की लापरवाही उजागर हुई है, लेकिन संलिप्तता की पुष्टि नहीं हो सकी है। सभी आरोपितों के खिलाफ लूट और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की एफआइआर दर्ज की गई है।
ये था मामला?
एसटीएफ की कानपुर यूनिट को विदेशी मुद्रा की तस्करी की गोपनीय सूचना मिली थी। चार मार्च को एसटीएफ के सीओ, इंस्पेक्टर व सिपाही ने लखनऊ एयरपोर्ट के पास से कानपुर के दलेलपुरवा निवासी सलाउद्दीन को पकड़ा था। सलाउद्दीन के पास से विदेशी मुद्रा मिलने का दावा किया गया था। एसटीएफ पहले उसे बंथरा थाने ले गई थी और फिर कानपुर। कानपुर से सलाउद्दीन एसटीएफ की अभिरक्षा से भाग निकला था। इस बीच दिल्ली निवासी लुकमान ने एसटीएफ पर 34 लाख रुपये की विदेशी मुद्रा लूट लेने का आरोप लगाया और एक वीडियो वायरल कर दिया। मामला बढ़ता देख एसटीएफ ने बरामद विदेशी मुद्रा कानपुर में दाखिल करा दी थी।