UP के 4000 मदरसों को विदेशी फंडिंग मिल रही है। लेकिन Funding का कोई Source नहीं बता पा रहा। कहने को ये सारा पैसा जकात में मदरसों को मिल रहा है, लेकिन विदेश से आया पैसा, कैसे मदरसों तक पहुंच रहा है, ये बताने वाला कोई नहीं है।
नवंबर 2022 में हुए सर्वे में 8441 मदरसा बिना मान्यता चलते हुए मिले - जांच में नेपाल, बांग्लादेश और खाड़ी देशों से फंडिंग के संकेत। जांच में सामने आया कि यूपी के सीमावर्ती जिले महाराजगंज, पीलीभीत, लखीमपुर, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर और सिद्धार्थनगर में संचालित मदरसा खासतौर पर फंडिंग के सोर्स स्पष्ट नहीं कर सके। यहां के मदरसों में सोर्स चंदा बताया गया था। दस्तावेज नहीं दिखा पाने की वजह से योगी आदित्यनाथ की सरकार कार्रवाई की तैयारी कर रही है।
यानि एक बार फिर योगी आदित्यनाथ को कटघरे में खडा करने वाले सर पर कफन बांध कर तैयार होंगे। लेकिन 4000 मदरसों से कोई सवाल नहीं पुछा जायेगा। एक बार फिर लोकतंत्र और अल्पसंख्यक खतरे में बताये जायेगे।
बात वही है जब जब देश के लोगों से सवाल होगा कि अमुक पैसा कहाँ से आता है तब तब लोग सवाल करते रहेंगे।