25 साल में 54 ट्रान्स्फ़र जब मेरी सदनीयत व नीतियाँ नहीं बदल सके तो पुलिस क्या करेगी - सूर्यप्रताप सिंह

16 घंटों के बाद मानी सरकार, पूर्व आईएएस सूर्यप्रताप सिंह पुलिस की निगरानी में बदायूं रवाना

Update: 2021-01-07 05:43 GMT

उत्तर प्रदेश ने बदायूं आंगनवाडी सहायिका की गेंग रेप के बाद जघन्य तरीके से गुप्तांग में रॉड डालकर मार डाला. इस घटना से पूरे उत्तर प्रदेश में आम जनता में रोष है. अभी बीते कुछ महीने पहले ही हाथरस में बर्बरता पूर्ण घटना से राज्य में सरगर्मी बनी हुई है. 

इस घटना को लेकर पूर्व आईएएस सूर्यप्रताप सिंह ने घटना स्थल पर जाकर परिजनों से मिलने की बात कही. इससे लखनऊ में मौजूद जिला प्रसाशन और कमिश्नरी की पुलिस ने उनके आवास को घेर लिया और उन्हें जाने से रोक दिया. जबकि सूर्यप्रताप सिंह बदायूं जाने की जिद पर अड़े रहे. 

सूर्यप्रताप सिंह ने कहा कि सत्यमेव जयते, 16 घंटों के बाद आखिरकार आप सभी की आवाज सरकार तक पहुँची और मुझे पुलिस की निगरानी में ही सही बदायूँ जाने की अनुमति दे दी गयी है. दुःख की घड़ी में संबल देने का काम ही मानवता है, और ये हक हर भारतीय का है, इसे आपसे कोई नहीं छीन सकता.जय हिंद! जब मेरा जज्बा 25 साल में 54 ट्रान्स्फ़र जब मेरी सदनीयत व नीतियाँ नहीं बदल सके तो एक FIR क्या बदलेगी? सत्य पक्ष हमेशा सत्ता पक्ष पर भारी पड़ता है. 

सूर्यप्रताप सिंह ने कहा कि मैंने अपने जीवन में बहुत से आंदोलन किए, कुछ गलत होने पर मुखरता से आवाज उठायी, इलाहाबाद में छात्र आंदोलन प्रशासनिक अधिकारी रहते किया, पर आज तक मेरे साथ ऐसा बर्ताव नहीं हुआ जैसा इस सरकार ने किया है. यहाँ आवाज उठाने वाला देशद्रोही है और सवाल पूछने वाला आतंकवादी. ये है 'न्यू इंडिया'?

उन्होंने कहा कि मैं अकेला बदायूँ जा रहा हूँ, ये कोई रैली या सभा नहीं है जिसके लिए मुझे सरकारी अनुमति की जरूरत हो. मैं बस पीड़ित परिवार से मिल कर उनका दुःख दर्द बाँटना चाहता हूँ और सरकार क्यूँ इतनी असंवेदनशील है कि उसे गैंगरेप जैसे अपराध छिपाने पड़ रहे हैं इसके पीछे का कारण समझना चाहता हूँ. इसी बदायूँ में आचार संहिता का उल्लंघन करने पर मैंने तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव जी का हेलीकाप्टर लैंड नहीं होने दिया था. नेताजी ने मुझपर FIR नहीं की, मुझे कलेक्टर मुज़फ़्फ़रनगर बनाया. मैंने IAS का धर्म निभाया उन्होंने राजनेता का. 

सूर्यप्रताप सिंह ने कहा कि मुझे रिहा करिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, मैंने कोई गैरकानूनी काम नहीं किया है, पीड़ित परिवार से मिलना, संवेदना व्यक्त करना इस देश में जुर्म कहलाएगा?पुलिस बल का दुरुपयोग कर आप लोकतंत्र की हत्या क्यूँ करना चाहते हैं? मेरी आपसे विनती है कि मुझे इस कैद से मुक्त कर बदायूँ जाने दिया जाए. मुझे प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है.

सूर्यप्रताप सिंह ने कहा कि अमेरिका की घटना #TooMuchDemocracy जैसी सोच का 'बायप्रोडक्ट' है. ये वही सोच है जो भारत में पल बढ़ रही है. 14 घंटे से ज्यादा हो गए मुझे शाहजहांपुर में नजरबंद कर रखा गया है, बदायूँ जाने से रोका जा रहा है. क्या लोकतांत्रिक व्यवस्था में दुःख-दर्द बाँटना अपराध है? अब 15 घंटे से ज्यादा हो चुके हैं, बड़ी संख्या में पुलिस बल बाहर खड़ा है और मुझे बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा है. दिल्ली मीडिया से मुझे कोई उम्मीद नहीं है, पर सोशल मीडिया के मित्रों से उम्मीद जरूर करूँगा, ये लड़ाई आपकी है, लोकतंत्र की रक्षा की है, डरिए मत, आगे बढ़िए. भारत को बचा लीजिए.

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