लखनऊ. संविधान दिवस की 70वीं वर्षगांठ के मौके पर मंगलवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट करके बीजेपी और कांग्रेस को सलाह दी. मायावती ने अपने ट्वीट में कहा कि संविधान दिवस पर संविधान शिल्पी बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर का केवल नाम जपते रहने से काम नहीं चलेगा, क्योंकि यही छल कांग्रेस भी करती रही है. बल्कि केन्द्र व राज्य सरकारों को संविधान की जनहिताय/जनकल्याण की सही मंशा के हिसाब से पूरी निष्ठा/ईमानदारी से काम करना होगा यही मेरी सलाह है.
26 नवंबर 1949 में सभा के समक्ष रखा संविधान
बता दें कि 26 नवंबर 1949 को डॉ. भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता वाली प्रारूप समिति ने संविधान को भारतीय संविधान सभा के समक्ष रखा था. तब से 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है. 24 जनवरी 1950 को संविधान सभा के 284 सदस्यों ने इस पर हस्ताक्षर किए और दो दिन बाद 26 जनवरी को इसे लागू कर दिया गया.
विधान भवन में बुलाया विशेष सत्र
इसी क्रम में आज देश में संविधान को अंगीकार करने की 70वीं वर्षगांठ के अवसर पर विधान भवन में एक दिनी विशेष सत्र आयोजित होगा. भले ही यह विशेष सत्र संविधान पर चर्चा के मकसद से बुलाया गया है. लेकिन दोनों सदनों में विपक्ष सरकार को घेरने का मौका नहीं चूकेगा. विशेष सत्र की शुरुआत सुबह 11 बजे विधानसभा मंडप में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक से होगी जिसे राज्यपाल आनंदीबेन पटेल संबोधित करेंगी. यह पहला मौका होगा जब आनंंदीबेन पटेल उत्तर प्रदेश विधानमंडल के दोनों सदनों को एक साथ संबोधित करेंगी.