यूपी में बेसिक शिक्षा विभाग के इन शिक्षकों पर होगी कार्रवाई, विभाग ने तैयार की सूची
बेसिक शिक्षा विभाग ने उन शिक्षकों की लिस्ट तैयार की है जो विभाग के किसी भी अधिकारी या कर्मचारी कॉल की नहीं उठाते हैं।
बेसिक शिक्षा विभाग अपने शिक्षकों की स्कूली गतिविधियों पर हाइटेक तरीके से निगरानी करने जा रहा है। इसके लिए विभाग जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों में मूल्यांकन प्रकोष्ठ का गठन करेगा। यह प्रकोष्ठ ऑनलाइन तरीके से मसलन वीडियो कालिंग या वायस कालिंग से शिक्षकों की स्कूली गतिविधियों की निगरानी करेगा। अचानक किसी शिक्षक की गतिविधियों को चेक करने के लिए प्रकोष्ठ यदि किसी शिक्षक को काल करता है और अलग-अलग दिनों में तीन बार कॉल करने के बाद भी शिक्षक उस कॉल को रिसीव नहीं कर पाता है तो उक्त शिक्षक के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
इस संबंध में सोमवार को स्कूल शिक्षा के महानिदेशक विजय किरण आनन्द ने सभी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान से लेकर सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों के नाम सर्कुलर जारी कर दिया। सर्कुलर में कहा गया है कि निपुण भारत मिशन के प्रभावी क्रियान्वयन के उद्देश्य से शिक्षकों को सक्रिए बनाये रखने और स्कूली गतिविधियों के प्रभावशाली संचालन के लिए निरंतर निगरानी व अनुश्रवण की जरूरत है। इस मूल्यांकन प्रकोष्ठ का उद्देश्य शिक्षकों के मध्य एक ऐसा संवाद स्थापित करना है, जिससे वे विद्यालयों के विभिन्न गतिविधियों के नियमित एवं बेहतर संचालन में रूचि लेने लगें और विद्यालयों में अपेक्षित गतिविधियों के संचालन के लिए सजग रहें। दूसरी तरफ महानिदेशक के इस सर्कुलर पर शिक्षक संगठनों ने आपत्ति दर्ज की है।
उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव का कहना है कि शिक्षक निजी कार्य के लिए मोबाइल रखे हुए हैं, लेकिन विभाग जबरन शिक्षकों से सारे कार्य उनके निजी मोबाइल से करवा रहा है जबकि जिला बेसिक अधिकारियों व खण्ड शिक्षा अधिकारियों को विभागीय नम्बर व मोबाइल शासन द्वारा दिए गए हैं। ऐसे में शिक्षकों के निजी मोबाइल से सरकारी कार्य ज़बरन कराना न्याय संगत नहीं है। शिक्षकों को भी सरकारी सिम व मोबाइल मुहैया कराने के बाद ही ऑनलाइन-वीडियो कॉलिंग कर अनुश्रवण करे।
मूल्यांक़न प्रकोष्ठ से जुड़े प्रमुख बिन्दु
-मूल्यांकन प्रकोष्ठ के लिए प्रत्येक जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में पांच सदस्यीय टीम का गठन किया जाएगा
- जिसमें डायट प्राचार्य, वरिष्ठ प्रवक्ता, दो प्रवक्ता (एक पुरुष प्रवक्ता एवं एक महिला प्रवक्ता) एवं तकनीकी सहायक एक साथ मिलकर एक टीम के रूप में कार्य करेंगे।
- मूल्यांकन प्रकोष्ठ टीम द्वारा अपने जिले के सभी ब्लॉक के प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय, कम्पोजिट विद्यालय एवं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में से प्रत्येक कार्यदिवसों में कम से कम 10 विद्यालयों का चयन अचानक (रैण्डमली) रूप से करते हुए ऑनलाइन अनुश्रवण ( वीडियो कॉल / वॉइस कॉल) किया जाएगा।
- मूल्यांकन प्रकोष्ठ टीम ऑनलाइन वीडियो कॉल / वॉइस कॉल से प्राप्त सूचनाओं का संकलन / ऑनलाइन पर्यवेक्षण करेगी।
- ऑनलाइन अनुश्रवण के लिए मूल्यांकन प्रकोष्ठ टीम द्वारा अपने जिले के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के माध्यम से परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत सभी प्रधानाध्यापकों, शिक्षकों, शिक्षामित्रों एवं अनुदेशकों के मोबाइल नम्बर की सूची प्राप्त कर ली जाएगी।
- मूल्यांकन प्रकोष्ठ टीम द्वारा पंजिका पर निर्धारित चेकलिस्ट के माध्यम से सभी विद्यालयों में किये जा रहे कार्यक्रमों / गतिविधियों की सूचना संकलित की जाएगी।
- यदि किसी विद्यालय के प्रधानाध्यापक, शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशक द्वारा तीन बार अलग-अलग कार्यदिवसों में वीडियो कॉल-वॉइस कॉल रिसीव नहीं किया जाता है, तो ऐसे विद्यालयों के शिक्षकों के संबंध में डायट में होने वाली मासिक समीक्षा बैठक में चर्चा की जाएगी। साथ ही शिक्षकों के प्रति नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।