राजस्थान में शिक्षकों के समायोजन के बाद यूपी सरकार में हलचल तेज, शिक्षा मित्र अनुदेशक के बारे में कर रही है विचार

मौत रोकने के लिए सरकार को इनकी बात पर अमल करना पड़ेगा वरना सरकार को नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।

Update: 2023-03-10 07:20 GMT

राजस्थान में बीते दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ग्राम पंचायत सहायकों, शिक्षाकर्मियों, पैराटीचर्स एवं मदरसा पैराटीचर्स के मानदेय में वृद्धि के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। प्रस्ताव के अनुसार राजस्थान कॉन्ट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स-2022 के तहत ग्राम पंचायत सहायकों, शिक्षाकर्मियों, पैराटीचर्स व मदरसा पैराटीचर्स के मासिक मानदेय को बढ़ाकर 16900 रुपए कर दिया गया है। इस बढ़ोतरी का लाभ बीएड, बीएसटीसी अथवा डीएलईडी की शैक्षणिक योग्यता वाले संविदाकर्मियों को देय होगा। 

बता दें कि इसके पहले उड़ीसा सरकार ने संविदा कर्मियों को बहाल करने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने साथ ही यह भी घोषणा की कि प्रदेश में अब संविदा के पद पर कोई भर्ती नहीं की जाएगी। तब सीएम ने प्रदेश में मौजूद सभी संविदा कर्मियों को नियमित कर दिया था। 

साथ यूपी को छोड़कर कर किसी भी प्रदेश में शिक्षा मित्र अनुदेशक के समकक्ष पद पर कार्य करने वाले कर्मियों का वेतन 30000 हजार से लेकर 40000 हजार के बीच में है। वो चाहे यूपी का ही हिस्सा रहे उत्तराखंड की बात हो या फिर दिल्ली की या हरियाणा या बिहार की हो सभी जगह इसी तरह के मानदेय में काम कर रहे है जबकि उत्तर प्रदेश में अनुदेशक 9000 हजार में आऊर शिक्षा मित्र 10000 हजार में काम कर रहा है। 

अब इस सबकी चर्चा बड़ी जोर शोर से शिक्षा महानिदेशालय में चल रही है कि आखिर इनके लिए वेस्ट ऑप्शन क्या अपनाया जाए ताकि इनके भी परिवार का भरण पोषण सही किया जा सके है। अभी बीते दिनों शिक्षा मित्रों एकता भी दिखाई जिसके तहत पहले 12 जनवरी को 50000 हजार तो 20 फरवरी को एक लाख से ज्यादा भीड़ ने लखनऊ पहुँचकर सरकार को सोचने पर मजबूर कर दिया। फिलहाल शिक्षा मित्रों की चर्चा तेज है उम्मीद है जल्द कुछ नया देखने को मिल सकता है। 

बता दें कि इस भीषण महंगाई में 9 और 10 हजार के मानदेय में किसका गुजारा होता होगा यह सभी अधिकारी जानते है। लेकन बोलता कोई नहीं है। जिस दिन भी अधिकारियों ने फ़ाइल को आगे बढ़ाया उसी दिन मंजूरी भी मिलना तय माना जाएगा। हालांकि अभी शिक्षा मित्र और अनुदेशक अवसाद में डूबा हुआ है। और लगातार मौतों की खबरें आ रही है। मौत रोकने के लिए सरकार को इनकी बात पर अमल करना पड़ेगा वरना सरकार को नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।

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