सपा में आजम खान विवाद बढ़ता ही जा रहा है। सपा का एक प्रतिनिधिमंडल रविवार को आजम खान से मिलने सीतापुर जेल पहुंचा था लेकिन आजम खान ने प्रतिनिधिमंडल से ये कहते हुए मुलाकात करने से इनकार कर दिया कि उनकी तबियत ठीक नहीं है। इन सब घटनाक्रम के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ये कहते हुए विवाद खड़ा कर दिया कि आजम खान से मिलने कौन गया ये उनकी जानकारी में नहीं है।
मेरी जानकारी में नहीं कौन मिलने गया था: अखिलेश यादव ने रविवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि, "आजम खान से मिलने कौन गया था ये मेरी जानकारी में नहीं है। मुझे एक गाँव में आना था और वो ( सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा) स्वयं ही मिलने गए होंगे, लेकिन इसकी जानकारी मुझे नहीं है। सपा आजम खान जी के साथ है। उनके साथ जो अन्याय हुआ है वो बीजेपी ने किया है। जो भी कानूनी मदद देनी होगी, सपा प्रदान करेगी।
वहीं आजम खान से मिलने गए सपा प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा ने कहा है कि अखिलेश यादव को सब पता था। रविदास मेहरोत्रा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, "अखिलेश जी ने ही हमें आजम खान साहब से मुलाकात करने के लिए भेजा था और हमने वहां से वापस आकर सारी बातों से राष्ट्रीय अध्यक्ष जी को अवगत करा दिया है। सपा सड़क से लेकर विधानसभा तक आजम साहब के लिए संघर्ष करेगी।"
कुछ दिन पहले ही सीतापुर जेल में शिवपाल सिंह यादव ने आजम खान से करीब 20 मिनट तक मुलाकात की थी। मुलाकात के बाद शिवपाल यादव ने कहा था कि, "आजम भाई को फर्जी मुकदमों में फंसाया गया। छोटे-छोटे मुक़दमे उनके ऊपर लादे गए। नेता जी को संसद में आवाज उठानी चाहिए थी और अखिलेश चाहते तो आजम भाई बाहर होते।"
बता दें कि आजम खान के मीडिया प्रभारी फ़साहत अली खान ने ये कहते हुए विवाद खड़ा कर दिया था कि अखिलेश खुद नहीं चाहते कि आजम बाहर आयें। उन्होंने सपा की जिला कार्य सीमित की बैठक में कहा था कि, "मुस्लिमों ने अखिलेश और उनके पिता को सीएम बनाया, उन्हें 111 सीटें दी लेकिन आजम साहब से अखिलेश सिर्फ एक बार मिलने जेल में गए। शायद योगी आदित्यनाथ सही कहते थें कि अखिलेश खुद नहीं चाहते कि आजम बाहर रहें।"