Anudeshak News: अनुदेशक के कोर्ट के एक साल के17000 मानदेय के आदेश को 40 दिन हुए पूरे, सरकार ने अभी तक कोई नहीं दिया दिशा निर्देश

Anudeshak News: अनुदेशक के बुरे दिन अच्छे दिनों में आखिर तब्दील होते क्यों नहीं? सात सितंबर 2022 को इनका केस इलाहाबाद और लखनऊ हाईकोर्ट में जो चल रहा था उसकी सुनवाई में ऑर्डर रिजर्व कर दिया गया। अनुदेशक लगातार इस पर परेशान रहा कि ऑर्डर कब आएगा।

Update: 2023-01-11 07:22 GMT

Anudeshak News: अनुदेशक के बुरे दिन अच्छे दिनों में आखिर तब्दील होते क्यों नहीं? सात सितंबर 2022 को इनका केस इलाहाबाद और लखनऊ हाईकोर्ट में जो चल रहा था उसकी सुनवाई में ऑर्डर रिजर्व कर दिया गया। अनुदेशक लगातार इस पर परेशान रहा कि ऑर्डर कब आएगा। 

चूंकि एक प्रोसेस है जिस तरह से केस में चार्ज शीट फ़ाइल करने का समय 90 दिन होता है। उसी तरह कोर्ट में अपना रिजर्व ऑर्डर का फैसला अक्सर 90 दिन के भीतर सुना देता है। लेकिन ऑर्डर को लेकर अनुदेशक परेशान रहा लेकिन थक हार कर उसे 1 दिसंबर को फैसला सुना दिया गया, फैसला से अनुदेशक बेहद खुश नहीं था लेकिन मायूस भी नहीं हुआ चूंकि मामला अनुदेशक के पक्ष में था जो दलील और जजमेंट था वो अनुदेशक के लिए हमेशा हमेशा के लिए राहत मंद था। 

अब फैसला आए हुए चालीस दिन बीत चुके है लेकिन अभी सरकार की ओर से कोई पहल की शरुआत होते नहीं दिख रही है। कोर्ट के ऑर्डर के मुताबिक अनुदेशक को 2017 और 2018 के बीच के 11 माह का 17000 हजार रुपये वेतन दिया जाना है। चूंकि कोर्ट के आदेश के समय अनुदेशक को 8470 रुपये वेतन मिलता था। जिसके बाद 8530 रुपये प्रतिमाह के हिसाब से 11 माह का कुल 93830 रुपये कुल प्रत्येक अनुदेशक को भुगतान किया जाना है चूंकि उस समय अनुदेशकों की संख्या आज के मुताबिक ज्यादा रही होगी। 

अब इस आदेश की प्रति बीते 3 जनवरी को अनुदेशक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम सिंह द्वारा अपर शिक्षा महानिदेशक विजय किरण आनंद को मुहैया कराई। उसके बाद उनसे स्थानांतरण पर भी विचार विमर्श किया तो उन्होंने कहा कि हमने अपने सभी काम पूरे कर दिए है। फ़ाइल माननीय मुख्यमंत्री जी के पास है। जैसे है हमें परमीशन मिलती है हम ट्रांसफर प्रक्रिया तत्काल लागू कर देंगे। उसके बाद उन्होंने जानकारी देते हुए बताया की आपके कोर्ट के ऑर्डर को लेकर भी सरकार से हम बातचीत कर रहे है। मामला यह भी अभी पॉजिटिव है जल्द है हम सरकार से निर्देश मिलते ही आपके बाकी मानदेय को आपके पास भेज देंगे। 

लेकिन सवाल वहीं टीका हुआ है आखिर अनुदेशक की परीक्षा हर मोड पर होगी। सरकार आखिर क्यों इन गरीबों की बात को ठंडे बस्ते में डाल देती है, वैसे ही जनवरी में 15 दिन का मानदेय रोककर जून में देने से पेट भरने का संकट खड़ा हुआ है चूंकि जून के एक माह में अनुदेशक कुछ नकुच कर लेता था अब भीषण ठंड वो भी सिर्फ 15 दिन में आखिर करेगा क्या। 

Tags:    

Similar News