अनुदेशक, शिक्षा मित्र वेतन के लिए परेशान, शिक्षकों को ऐसे मिलेगा एरियर का भुगतान
शिक्षकों को एरियर के भुगतान को लेकर सरकार ने नियम लागू कर दिया है।
उत्तर प्रदेश के शिक्षा विभाग की ओर से मानव संपदा पोर्टल पर अलग से एरियर मॉड्यूल विकसित कर दिया गया है। इसमें एरियर के भुगतान के लिए आने वाले आवेदन का निस्तारण पहले आएं पहले पाएं की तर्ज पर किया जाएगा। इस संबंध में स्कूल शिक्षा के महानिदेशक विजय किरण आनन्द की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई वित्त अधिकारियों की बैठक में यह निर्णय किया गया।
यह भी तय किया गया कि एरियर का सतत रूप से मासिक भुगतान किया जाए। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव एवं वित्त नियंत्रक इस नई व्यवस्था की जानकारी संयुक्त रूप से सभी जिलों को भेज देंगे। बैठक में मृतक आश्रितों की नियुक्त की पत्रावलियों का ऑडिट कराने का भी निर्णय किया गया जिसमें अर्हता के अभिलेख, शासनादेश का अनुपालन तथा अपनाई गई प्रक्रिया को परखा जाएगा। इस आडिट रिपोर्ट को 15 दिनों के भीतर स्कूल शिक्षा के महानिदेशक को भेजना होगा। बैठक में यह भी तय किया गया कि 68,500 तथा 69000 शिक्षक भर्ती वाले कुछ शिक्षकों के रेगुलर वेतन एवं एरियर का भुगतान लंबित है।
इसकी सूची और रिपोर्ट बना कर बेसिक शिक्षा अधिकारी तथा बेसिक शिक्षा विभाग के लेखाधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर से 15 दिनों में महानिदेशक कार्यालय को भेजना होगा।
इस दौरान शिक्षकों के उन शिकायतों का भी मुद्दा उठा, जिसमें कहा गया था कि लेखाधिकारी कार्यालय में तैनात कर्मियों से जब शिक्षक किसी प्रकार की जिज्ञासा को लेकर फोन करते हैं तो उन्हें सही जानकारी देने की बजाए कर्मचारी टालमटोल करते हैं। इस सम्बन्ध में यह निर्देश दिए गए कि ऐसे कर्मचारी जिनके कारण विभाग की छवि धुमिल हो रही है और उनकी छवि खराब है, के नाम उपलब्ध कराया जाए ताकि उनके विरुद्ध कार्रवाई की जा सके।
वहीं अब तक शिक्षा मित्र अनुदेशक को लेकर सरकार की ओर से अब तक राहत भरा कदम नहीं उठाया गया है। जबकि बेसिक शिक्षा का पूरा भार अनुदेशक और शिक्षा मित्र के कंधे पर है। प्रदेश में आज भी अनुदेशक और शिक्षा मित्र एकल विधालय में पढ़ाता है लेकिन उसे सरकार की ओर कोई राहत भरा पैगाम नहीं मिल रहा है। जबकि शिक्षकों के लिए एरियर भेजने के लिए सरकार के पास पैसे है।