भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर के ऐलान से मायावती के खेमे में जश्न का माहौल, मुलायम-अखिलेश पर लगाया बड़ा आरोप
चंद्रशेखर ने कहा है दलित वोट बंटने नहीं देंगे भले ही उन्हें इसकी कीमत ही क्यों न चुकानी पड़े?
लखनऊ : भीम आर्मी से मुखिया चंद्रशेखर आजाद ने कहा है कि वो प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ चुनाव मैदान से हट सकते हैं। उन्होने कहा कि अगर चुनाव से उनके आंदोलन पर फर्क पड़ने की आशंका हुई तो वो वाराणसी से चुनाव लड़ने का इरादा छोड़ सकते हैं। दरअसल, मायावती ने रविवार को ट्वीटर पर एक बयान जारी किया था कि चंद्रशेखर आजाद बीजेपी के एजेंट हैं और वो दलितों के वोट बांटने के लिए वाराणसी से चुनाव मैदान में उतर रहे हैं। चंद्रशेखर ने कहा है दलित वोट बंटने नहीं देंगे भले ही उन्हें इसकी कीमत ही क्यों न चुकानी पड़े। जयपुर की एक जनसभा में चंद्रशेखर के इस बयान के बाद मायावती के खेमे में खुशी बतायी जा रही है।
इसके अलावा भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनके पिता मुलायम सिंह यादव पर सनसनीखेज आरोप लगाया है। चंद्रशेखर आजाद ने कहा है कि सपा के ये दोनों शीर्ष नेता बीजेपी के एजेंट हैं। चंद्रशेखर ने यह आरोप जयपुर की एक जनसभा में लगाये। ध्यान रहे, अभी कुछ दिन पहले मायावती ने चंद्र शेखर पर आरोप लगाया था कि वो बीजेपी के एजेंट के तौर पर काम रहे हैं। मायावती ने यह भी कहा था कि वो (चंद्रशेखर आजाद) वाराणासी में दलित वोटों को बांटने के लिए प्रधानमंत्री के खिलाफ लड़ने का नाटक कर रहे हैं। चंद्रशेखर ने कहा कि अगर उन्हें यह महसूस हुआ कि चुनाव में उतरने से दलित आंदोलन को नुकसान हो रहा है तो वो चुनाव नहीं लड़ेंगे।
मायावती पर प्रहार करते हुए भीम आर्मी के मुखिया ने कहा कि मायावती ने उन्हीं लोगों से गठबंधन किया है जो भरी संसद में नरेंद्र मोदी को फिर से प्रधानमंत्री बनने की सदिच्छा व्यक्त करते हैं। अखिलेश यादव जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने दलितों पर ज्यादती करने वाले अफसरों को तरक्की का तोहफा दिया था। वो मुझे बीजेपी का एजेंट बताती हैं और मैं कहता हूं कि मैं बाबा साहब अंबेडकर का एजेंट हूं।
चंद्रशेखर ने कहा कि अगर मेरे लोग ही रोड़ा नहीं अटकाते तो मैं अखिलेश यादव को दिखा देता कि अगर हम (दलित) तुम्हे सत्ता से आसमान पर बिठा सकते हैं तो हम तुम्हें जमीन पर पटक भी सकते हैं। अपने खिलाफ मायावती के बयानों पर भीम आर्मी के मुखिया ने कहा कि इसमें गलती मायावती की नहीं बल्कि उनके महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा का दोष है। सतीश चंद्र मिश्रा ने मायावती को भ्रमित कर दिया है।