बड़ी खबर: 69000 शिक्षक भर्ती मामले में कोर्ट ने दिए निर्देश, 3 महीने में पूरी हो प्रक्रिया

Update: 2020-05-07 02:06 GMT

लखनऊ. इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) की लखनऊ पीठ ने बुधवार को उत्तर प्रदेश में 69000 सहायक बेसिक शिक्षकों (UP Assistant Teacher Recruitment) की नियुक्ति का रास्ता साफ कर दिया. पीठ ने राज्य सरकार को नियुक्ति की प्रक्रिया तीन महीने के भीतर पूरी करने के निर्देश दिए.

न्यायमूर्ति पीके जयसवाल और न्यायमूर्ति केएस पवार की पीठ ने उक्त आदेश दिए. पिछले एक साल से कोर्ट के फेरे में फंसी योगी सरकार की 69 हजार शिक्षकों की भर्ती परीक्षा में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सरकार को तो बड़ी राहत दी, लेकिन यह शिक्षामित्रों के लिए किसी झटके से कम नहीं है.

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट द्वारा सहायक अध्यापक पद पर समायोजन रद्द किए जाने के बाद शिक्षामित्रों को शिक्षक भर्ती परीक्षा में वेटेज देने का भी निर्देश दिया था. लिहाजा योगी सरकार द्वारा भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के बाद शिक्षामित्रों में सहायक अध्यापक बनने की उम्मीद जगी थी.

लेकिन सरकार ने 65 (सामान्य वर्ग) और 60 फ़ीसदी (आरक्षित वर्ग) कट ऑफ मार्क्स का क्लॉज़ लगाकर उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया. जिसके बाद शिक्षामित्र हाईकोर्ट पहुंचे. लेकिन जस्टिस पंकज कुमार जायसवाल और जस्टिस करुणेश सिंह पवार ने योगी सरकार की को सही मानते हुए योग्यता और गुणवत्ता के आधार पर ही नियुक्ति का फैसला सुनाया.

शिक्षामित्रों का ये है कहना

शिक्षामित्रों का कहना है कि सरकार को परीक्षा के पहले ही कटऑफ को जारी करना चाहिए थे. ताकि वे उसी के अनुरूप तैयारी करते. लिखित परीक्षा (Written Examination) के बाद उत्तीर्ण प्रतिशत तय होने से अधिकांश शिक्षामित्र भर्ती से बाहर हो जाएंगे. इस पर सरकार को फिर से विचार करना चाहिए. उनका कहना है कि अगर कटऑफ हटा दिया जाए तो शिक्षामित्रों का चयन आसानी से हो जाएगा. 

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