हाथरस मामले पर बिगड़े बीजेपी विधायक नंद किशोर गुर्जर, सुनकर डीजीपी, एसपी और डीएम के उड़ जायेंगे होश, मचा हडकम्प

बीजेपी नेता ने आरोप लगाया कि यह सिंडिकेट बीजेपी की दलित विरोधी छवि गढ़ने का प्रयास कर रहा है और वह बीजेपी को प्रदेश से समाप्त करना चाहता है।

Update: 2020-10-01 12:25 GMT

उत्तर प्रदेश का हाथरस की घटना को लेकर लोगों में रोष का माहौल है। निशाने पर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार है लेकिन इस बीच मामले को लेकर पुलिस महकमे को आरोपी बनाते हुए बीजेपी विधायक नंद किशोर गुर्जर ने यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को पत्र लिखा है। पत्र में विधायक ने पुलिस उच्चाधिकारियों पर विभिन्न राजनीतिक दलों से साठगांठ कर बीजेपी और योगी सरकार की छवि को धूमिल करने का आरोप लगाया है।

विधायक ने अपने पत्र में लिखा है कि देश में यह पहली ऐसी घटना है, जिसमें पुलिस प्रशासन ने शीर्ष अधिकारियों के इशारे पर कथित रेप और विभत्स तरीके से हत्या के मामले में परिवार को भरोसे में लिए बिना कार्रवाई की। पुलिस ने न केवल सनातन परंपरा के खिलाफ जाकर मृत रेप सर्वाइवर का सूर्यास्त के बाद अंतिम संस्कार कराया बल्कि उसके परिजन को अंतिम क्रियाकर्म करने, तिलांजलि देने और मृतका की अर्थी को कंधा देने के मौलिक अधिकार तक को छीन लिया।

बीजेपी नेता ने लिखा कि प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ हमेशा सनातन धर्म और मूल्यों की रक्षा में संघर्षरत हैं। उन्होंने कहा कि लखनऊ में बैठे शीर्ष अधिकारियों और राजनीतिक दलों के नेताओं के सिंडिकेट ने गहरी साजिश के तहत योगी सरकार की छवि को नुकसान पहुंचाकर उसे धूमिल करने का कुत्सित प्रयास किया है। बीजेपी नेता ने आरोप लगाया कि यह सिंडिकेट बीजेपी की दलित विरोधी छवि गढ़ने का प्रयास कर रहा है और वह बीजेपी को प्रदेश से समाप्त करना चाहता है।

पीएम मोदी के दिल में दलितों के लिए खास जगहः बीजेपी नेता

विधायक ने आगे लिखा है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने जनकल्याणकारी योजनाएं लाकर, दलितों के प्रतीकों को सहेजकर तथा पैर धोकर उनके दिलों में खास जगह बनाई है। वह दलितों को अपने परिवार का हिस्सा मानते हैं। बीजेपी नेता ने कहा कि बलरामपुर आदि स्थानों पर घटित घटनाओं में अधिकारियों की संवेदनहीन और गैर-जिम्मेदाराना भूमिका भी इसी साजिश का हिस्सा हैं।


गुर्जर ने कहा कि उन्होंने 'सिंडिकेट' के संबंध में सीएम योगी आदित्यनाथ को साक्ष्य के साथ पत्र लिखकर अवगत कराया था लेकिन बजाय उन अधिकारियों पर कार्रवाई करने के, उन्हें पदोन्नति दे दी गई। इससे उनका मनोबल बढ़ता गया। उन्होंने कहा कि हाथरस घटना में प्रदेश सरकार और बीजेपी की मंशा और नीति के विपरीत उनकी कार्यशैली इसी बढ़े हुए मनोबल का नतीजा है।

पुलिस अधिकारियों पर हत्या का हो मुकदमा

अपने पत्र के अंत में उन्होंने राज्यपाल से गुहार लगाई है कि वह पुलिस डीजीपी, हाथरस डीएम और एसएसपी समेत मामले को देख रहे अन्य अधिकारियों पर भी हत्या का मुकदमा दर्ज करें और उन्हें फास्ट ट्रैक कोर्ट से सजा दिलाएं। हालांकि, विधायक का यह पत्र और पत्र में जताई गई 'चिंता' इसलिए भी लोगों के गले नहीं उतर रही है कि इसमें कानून व्यवस्था संभालने वाली योगी सरकार पर कोई सवाल नहीं उठाया गया है। इतना ही नहीं, पत्र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखे जाने की बजाय राज्यपाल को भेजे जाने से भी बीजेपी विधायक की मंशा का पता चलता है।

बता दें कि यूपी के हाथरस में दलित युवती के साथ हैवानों ने कथित तौर पर गैंगरेप के बाद उसकी जीभ काट दी थी और उसकी रीढ़ की हड्डी तोड़ दी गई थी। वारदात के बाद वह एक हफ्ते से ज्यादा बेहोश रही थी। हालत खराब होने के बाद किशोरी को एम्स दिल्ली ले जाया गया था, जहां मंगलवार की सुबह लगभग चार बजे उसने दम तोड़ दिया।

Tags:    

Similar News