सोशल मीडिया पर छायी रहने वाली आईएएस बी चन्द्रकला के आवास पर सीबीआई ने मारा छापा
दस्तावेजों की तलाश में पूरा घर उधेड़ रही है सीबीआई , हमीरपुर में 2 खनन व्यवसायी के घरों पर भी चल रही है छापेमारी
लखनऊ। हमेशा सोशल मीडिया पर छाई रहने वाली 2008 बैच की यूपी कैडर की सबसे चर्चित महिला IAS अफसर बी चन्द्रकला के लखनऊ स्थित निवास पर आज सुबह CBI ने छापा मारा है।इस छापे में घर की तलाशी के साथ साथ सोफे ,बेड और छतों की फाल सीलिंग खोल कर तलाशी ली जा रही है।
हमीरपुर में हुए अवैध खनन और अवैध रूप से खनन पट्टे दिये जाने के मामले में सीबीआई ने तत्कालीन डीएम बी.चन्द्रकला के लखनऊ आवास पर ये छापा मारा है। टीम ने घर से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी जब्त किए हैं। सफायर अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 101 में सीबीआई की टीम अभी भी मौजूद है. फिलहाल कार्रवाई जारी है।इसी से जुड़े मामले में सीबीआई की एक टीम हमीरपुर में भी छापेमारी कर रही है। जहां टीम ने 2 बड़े मौरंग व्यवसायियों के घरों में दबिश दे कर तलाशी शुरू की है।
बताया जा रहा है कि सपा के एमएलसी रमेश मिश्रा और ज़िला पंचायत अध्यक्ष संदीप दीक्षित़ शहर के बड़े मौरंग व्यापारी हैं। CBI के एक टीम सुबह इनके आवासों पर पहुंची है। सीबीआई की 15 सदस्यीय टीम कार्रवाई में जुटी हुई है। पिछली अखिलेश यादव की सरकार में आईएएस बी.चन्द्रकला की पहली पोस्टिंग हमीरपुर जिले में जिलाधिकारी के पद पर की गई थी। इसके इलावा बी चन्द्रकला बिजनौर बुलन्दशहर और मेरठ में भी DM रह चुकी हैं।
आरोप है कि इस आईएएस ने जुलाई 2012 के बाद हमीरपुर जिले में 50 मौरंग के खनन के पट्टे किए थे। जबकि ई-टेंडर के जरिए मौरंग के पट्टों पर स्वीकृति देने का प्रावधान था लेकिन बी.चन्द्रकला ने सारे प्रावधानों की अनदेखी की थी।
बताते है कि वर्ष 2015 में अवैध रूप से जारी मौरंग खनन को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट ने 16 अक्टूबर 2015 को हमीरपुर में जारी किए गए सभी 60 मौरंग खनन के पट्टे अवैध घोषित करते हुए रद्द कर दिए थे। याचिका कर्ता विजय द्विवेदी के मुताबिक मौरंग खदानों पर पूरी तरह से रोक लगाने के बाद भी जिले में अवैध खनन खुलेआम किया गया।28 जुलाई 2016 को तमाम शिकायतें व याचिका पर सुनवाई करते हुये हाईकोर्ट ने अवैध खनन की जांच सीबीआई को सौंप दी थी।