सीएम योगी ने आज शाम साढ़े पांच बजे लखनऊ स्थित अपने आवास पर एक बैठक बुलाई है। बताया जा रहा है कि इस बैठक में विचार-विमर्श होगा कि प्रदेश सरकार अपने स्तर पर कीमतों में कितनी राहत दे सकती है।
उम्मीद जताई जा रही है कि बैठक के बाद राज्य सरकार डीजल और पेट्रोल के दामों में कुछ न कुछ कमी का ऐलान कर सकती है। इसके साथ ही सरकार प्रदेश में खाने-पीने की चीजों के दामों को भी नियंत्रित करने की कोशिश में है।
पिछले कुछ दिनों से सीएम योगी टीम-9 की बैठकों में कालाबाजारी के खिलाफ कार्रवाई कर कीमतों को नियंत्रण में लाने के निर्देश जारी कर रहे हैं। अब दिवाली से पहले सरकार डीजल और पेट्रोल के दामों में कमी लाने के लिए वैट की दरों पर विचार कर रही है।
पेट्रोल-डीजल की कीमतें रोज बढ़ती-घटती हैं। इसकी वजह ये है कि पेट्रोल की कीमतों में सेंट्रल एक्साइज और राज्यों के टैक्स का 60 प्रतिशत हिस्सा शामिल होता है। वहीं डीजल की कीमतों का 54 प्रतिशत हिस्सा यह होता है।
पेट्रोल पर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी 32 रुपये 90 पैसे होती है जबकि डीजल पर यह 31 रुपये 80 पैसे होती है। पेट्रोल-डीजल की कीमतों को रोज बेंचमार्क अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों और फॉरेन एक्सचेंज रेट के आधार पर तय किया जाता है। योगी सरकार राज्यों के टैक्स के हिस्से को कम करके आम लोगों को राहत दे सकती है।