सरकारी नौकरियों में 5 साल संविदा, 50 साल में रिटायरमेंट मामले में केशव मौर्य का बड़ा बयान

प्रतियोगी छात्रों और राजनीतिक दलों के विरोध से घिरी यूपी की योगी सरकार अब बैकफुट पर आ गई है.

Update: 2020-09-19 06:46 GMT

लखनऊ : यूपी में समूह ख और ग की सरकारी नौकरियों में 5 साल संविदा पर रखे जाने के योगी सरकार के प्रस्ताव का चौतरफा विरोध हो रहा है. प्रतियोगी छात्रों और राजनीतिक दलों के विरोध से घिरी यूपी की योगी सरकार अब बैकफुट पर आ गई है. सरकार न सिर्फ इससे मुकर गई है, बल्कि यह भी साफ़ कर दिया है कि सरकारी नौकरियों में नये नियम लागू किये जाने का कभी कोई फैसला ही नहीं हुआ.

सरकार की तरफ से सूबे के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि 5 साल तक संविदा पर रखे जाने की बात पूरी तरह गलत और अफवाह है. सरकार ने न तो इस तरह का कोई फैसला लिया है और न ही भविष्य में ऐसा करने का फिलहाल कोई विचार है. उन्होंने 50 साल की उम्र में सरकारी कर्मचारियों को रिटायर किये जाने की चर्चाओं को भी कोरी अफवाह करार दिया है. उनके मुताबिक़ संविदा पर नौकरी शुरू कराए जाने और 50 साल में रिटायर किये जाने की बातें विपक्षियों की साजिश है.

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का कहना है कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए वह अफवाह फैलाकर युवाओं को गुमराह कर रहा है. अपने गृह नगर प्रयागराज में एक कार्यक्रम में केशव मौर्य ने कहा कि उनकी सरकार ज़्यादा से ज़्यादा युवाओं को नौकरी व रोज़गार के दूसरे साधन मुहैया कराने की योजना पर काम कर रही है. अलग-अलग विभागों में किन्ही वजहों से रुकी हुई भर्तियों को जल्द शुरू कराया जाएगा.

यूपी में लव जिहाद के बढ़ते मामलों पर केशव मौर्य ने कहा कि यह बेहद गंभीर मामला है और सरकार इसे लेकर मंथन कर रही है. जल्द ही कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है. उन्होंने संकेत दिया कि लव जिहाद को लेकर उनकी सरकार अध्यादेश ला सकती है.

वहीं प्रयागराज अधिकरणों का मुख्यालय लखनऊ में बनाने के मामले में डिप्टी सीएम केशव मौर्य को हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने ज्ञापन सौंपा है. वकील अधिकरणों का मुख्यालय लखनऊ में स्थापित करने का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने सरकारी कार्यालयों के मुख्यालय लखनऊ शिफ्ट करने पर नाराजगी जताई है. बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेंद्र नाथ सिंह और महासचिव प्रभाशंकर मिश्र के साथ प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात की.

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