उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग की हड़ताल समाप्त हो गई। बिजली विभाग की हड़ताल से पूरे प्रदेश की जनता परेशान रही उसके बाद बिजली विभाग के कर्मचारियों को क्या मिला?
लौट कर बुद्धू घर को आये
जो मुक़दमा लिखा गया वापस
बर्ख़ास्तगी वापसी
चेयरमैन बरकरार
कौन सी माँग मानी गयी कौन सी माँग नहीं मानी गयी किसी को कुछ समझ नहीं आया, फिर 60 घंटे से जो चल रहा था उसे क्या माना जाए। किस बात की एक्सरसाइज़ थी। क्या जनमानस के धैर्य की परीक्षा ली जा रही थी। बिना बिजली हाहाकार मचवा कर।
अब उनके लिये तो साँसत हो जायेगी । जिन कर्मचारियों ने हड़तालियों का साथ नहीं दिया। सब तरफ़ त्राहिमाम त्राहिमाम मचवा कर मंत्री जी मान गये। या आन्दोलनकारी यह सस्पेंश बना हुआ है। फिर इतनी क़वायद क्यों? विशेष बात ये रही कि शर्मा जी के करंट का वोल्टेज सबके सामने आ गया।
इस हड़ताल से क्या खोया क्या पाया अभी तय नहीं हुआ है। इस हड़ताल से बिजली की परेशानी प्रदेश की जनता ने बहुत उठाई है।