तो क्या यूपी में सवर्णों का बीजेपी से मोहभंग, यूपी में चेहरा बदलने की कवायद शुरू
बीजेपी लगाएगी अब पिछड़े और दलितों पर दांव
भारतीय जनता पार्टी ने अभी बंगाल चुनाव से एक बड़ा सबक सीख लिया है. वोटर को लम्बे समय से लॉलीपाप दिखाकर जीवित नहीं रखा जा सकता है. अब वोटर पिछले समय का हिसाब भी मांगना चाहता है. क्योंकि पहले लोकसभा चुनाव में आपने कहा कि सत्तर साल के गड्ढे थे उन्हें पाटना बड़ा मुश्किल काम था. जनता ने पूरे मनोयोग से आपकी बात मानकर आपको फिर से सत्ता सौंप दी. अब आपने क्या किया सब जानना चाहते है.
अब ऐसे समय में यूपी का विधानसभा चुनाव आ गया है. अभी चंद दिन पहले ही बीजेपी का रिहर्सल पंचायत चुनाव के दौरान हो चुका है जिसके परिणाम सार्थक नहीं आये. जबकि पूरी सरकार, सांसद , विधायक और संगठन ने पूरी ताकत झोंक दी फिर भी बीजेपी का तीसरा नंबर आया. जबकि पहले पायदान पर निर्दलियों ने बाजी मारी. इससे परेशान बीजेपी की एक बड़ी मीटिंग यूपी चुनाव पर हुई जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह , बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा , यूपी के संगठन मंत्री सुनील बंसल समेत कई बड़े चेहरों ने भाग लिया. इसमें एक बड़ा मंथन हुआ.
इस मंथन के बाद जो अमृत निकल कर आया वो यह था कि अब बीजेपी को पिछड़े और दलितों में भी पैठ बनानी होगी. जिस पर बात आई कि पिछली बार भी यही कहकर पिछड़े वर्ग से प्रदेश अध्यक्ष के पद पर के पी मौर्य अर्थात केशव प्रसाद मौर्य को लाया गया था और उन्ही के नाम पर अमित शाह और मोदी जी ने चुनाव लड़ा और यूपी में बड़ी जीत हासिल हुई. लेकिन किस्मत केपी मौर्य की अचानक रूठ गई जब दिल्ली से शपथ लेने के लिए योगी आदित्यनाथ हेलीकॉप्टर से लखनऊ के लिए रवाना हो गए. मामला ज्यादा न बिगड़े इसलिए बीजेपी के बड़े चेहरा इस मामले को संभालने के लिए आगे आये.
अब एक बार फिर से यह बार सामने आई है कि क्यों ने केशव प्रसाद मौर्य को एक बड़ी जिम्मेदारी देकर उनका कद बढाया जाय और यह साबित किया जाय कि उनका कद कभी कम नहीं हुआ था. वो आरएसएस के नेता है और उनकी संगठन पर बड़ी पकड है. जबकि उनकी बिगडती हुई हालात से पूरा प्रदेश वाकिफ है. उनका कद प्रदेश में काफी कम हो गया है. उनके पास जो अधिकारी बैठ जाते थे उन्हें सरकार का कोप भाजन सहना पड़ता है. लगातार सरकार की बेरुखी झेल रहे केशव प्रसाद के अब क्या दिन बहुरेंगे अभी कहना मुश्किल लेकिन जल्द ही उन्हें एक बड़ी जिम्मेदारी मिलने वाली है.
जब से यह चर्चा हुई है. तबसे उनके आवास पर अधिकारीयों ने परिक्रमा करनी शुरू कर दी है जबकि सरकार के कई अधिकारीयों ने एमएलसी अरविंद शर्मा के भी आवास पर अब भीड़ बढनी शुरू हो गई. लेकिन सोमवार से लखनऊ में बीजेपी के नेताओं के भाग्य बदलने वाले है अभी तो यही कहा जा सकता है. लेकिन योगी खेमें में हडकम्प जरुर मचा हुआ है. क्योंकि जल्द ही यूपी में सरकार की ओवरहालिंग होनी है.
अब देखना है कि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को क्या मिलेगा यह तो सामने आने पर ही पता चलेगा लेकिन जहां तक समझने की बात है तो उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी एक बार िफ़र से देकर उनके कद को बढाया जा सकता है. जबकि उनके द्वारा खाली हो रहे डिप्टी सीएम के पद पर एमएलसी अरविंद शर्मा की नियुक्ति की जा सकती है. फिलहाल उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक बड़ा भूचाल मचा हुआ है.