80 वर्षीय पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव को हुआ कोरोना, गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती

Update: 2020-10-14 16:24 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व मैनपुरी से सांसद मुलायम सिंह यादव व उनकी पत्नी साधना गुप्ता की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है। सूत्रों के मुताबिक मुलायम सिंह यादव व उनकी पत्नी को सांस लेने की शिकायत के बाद लखनऊ स्थित एक निजी अस्पताल में कोरोना की जांच करवाई गई।

उन्हें गुड़गांव स्थित मेदांता में एडमिट करवा दिया गया है। डॉक्टरों के मुताबिक मुलायम को वैसे तो कोरोना के कोई खास लक्षण नहीं है और न ही कोई खतरे की बात है। बता दें कि मैनपुरी सांसद मुलायम सिंह यादव के कोरोना पॉजिटिव आने की खबर से उनके समर्थकों में मायूसी छा गई है।

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि माननीय नेताजी का स्वास्थ्य स्थिर है. आज कोरोना पॉज़िटिव होने पर गुड़गाँव के मेदांता में उन्हें स्वास्थ्य-लाभ के लिए भर्ती कराया था.हम वरिष्ठ डॉक्टरों के निरंतर संपर्क में हैं और समय-समय पर सूचित करते रहेंगे.

मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश के ऐसे धुरंधर नेता के रूप में जाने जाते हैं, जिन्होंने साधारण परिवार से निकलकर प्रदेश और देश की सियासत में एक बड़ी पहचान बनाई। वह तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और एक बार देश के रक्षा मंत्री के रूप में सेवा दे चुके हैं। 22 नवम्बर, 1939 को इटावा जिले के छोटे से गांव सैफई में पैदा होने वाले मुलायम ने शुरुआती दिनों में शिक्षण कार्य किया। लेकिन लोहिया और उनके साथ के लोगों के संपर्क में आने के बाद उन्होंने सियासत की ओर रुख किया।

लोकदल के विधायक के रूप में सियासत में कदम रखने वाले मुलायम ने 1992 में समाजवादी पार्टी की नींव रखी। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की जड़ें मजबूत करने में उनका अमूल्य योगदान माना जाता है। इस पार्टी ने प्रदेश में चार बार सरकार बनाई। तीन बार वह खुद मुख्यमंत्री रहे जबकि चौथी बार 2012 में उनके पुत्र अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी की सरकार बनी। अखिलेश यादव के कार्यकाल में उनके परिवार मेें विरासत को लेकर कडा़ संघर्ष शुरू हो गया।

पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की हैसियत से एक बड़ी बैठक बुलाकर उनके पुत्र अखिलेश यादव ने खुद को राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर दिया और मुलायम सिंह यादव को पार्टी का संरक्षक बना दिया गया। मुलायम सिंह यादव के भाई शिवपाल से पद और सरकार में भूमिका को लेकर कड़ा संघर्ष चला, जिसका असर 2017 के विधानसभा के चुनाव पर भी हुआ। 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा बुरी तरह हार गई और बाद में शिवपाल यादव ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के नाम से अलग संगठन बना लिया। मुलायम सिंह यादव फिलहाल समाजवादी पार्टी के संरक्षक हैं और मैनपुरी से पार्टी के उम्मीदवार।

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