पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर जेल भेजे गए, बोले- 'मेरी हत्या हो सकती है'
खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर को 14 दिन की जेल हो गई है.
लखनऊ : रेप पीड़ित युवती को खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर को 14 दिन की जेल हो गई है. कोर्ट ने अमिताभ ठाकुर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. इससे पहले पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को हजरतगंज पुलिस ने गिरफ्तार किया.
क्यों हुई अमिताभ ठाकुर की गिरफ्तारी?
अमिताभ ठाकुर के खिलाफ हजरतगंज थाने में शुक्रवार दोपहर को मुकदमा दर्ज किया गया. अमिताभ ठाकुर पर दुष्कर्म के आरोपी बसपा सांसद अतुल राय (Atul Rai) को सहयोग देने का आरोप है. दरअसल रेप पीड़िता ने खुदकुशी से पहले अमिताभ ठाकुर, मुख्तार अंसारी और अतुल राय के रिश्तों की बात कही थी.
पीड़िता ने अमिताभ ठाकुर (Amitabh Thakur) पर पूरा षडयंत्र रचने का आरोप लगाया था. पीड़ित युवती ने अमिताभ ठाकुर की पत्नी नूतन ठाकुर पर भी आरोप लगाये थे. पीड़िता ने खुदकुशी से पहले एक वीडियो जारी कर पूरे राज खोले थे. SIT जांच में भी पीड़िता के आरोप सही निकले थे.
सीएम योगी मेरी हत्या करा सकते हैं
गिरफ्तारी के बाद अमिताभ ठाकुर को मेडिकल के लिए सिविल अस्पताल ले जाया गया। यहां उन्होंने मीडिया से कहा कि सीएम योगी मेरी हत्या करा सकते हैं। मुझे जानबूझकर प्रताड़ित किया जा रहा है। जिस केस से मेरा कोई मतलब नहीं, उसमें मुझे फंसाया जा रहा है।
शाम 6 बजे ठाकुर को मेडिकल के बाद हजरतगंज पुलिस ने कोर्ट में पेश किया है। कोर्ट से उन्हें जेल भेजे जाने के आदेश हुए।
गिरफ्तारी पर जारी हुआ लिखित बयान
डीजीपी मुख्यालय ने अमिताभ ठाकुर की गिरफ्तारी पर लिखित बयान जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट के बाहर आत्मदाह का प्रयास किए जाने के मामले की जांच कर रही दो सदस्यीय एसआईटी टीम ने सेवानिवृत्त आईपीएस अमिताभ से पूछताछ के बाद उनके ऊपर लगे आरोपों को सही पाया है. आरोपों की पुष्टि होने के बाद अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार किया गया है.
अखिलेश यादव ने अपनाया 'सियासी सुर'
एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अमिताभ ठाकुर की गिरफ्तारी को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा. अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि 'भूतपूर्व पुलिस के विरुद्ध भाजपा सरकार की पुलिस का अभूतपूर्व कार्य! भाजपाई राजनीति लोगों के बीच दरार पैदा करके ही जिंदा हैं. अब भाजपा सरकार के दबाव के कारण पुलिस ही पुलिस के ख़िलाफ़ काम करने पर मजबूर है एक सेवानिवृत आईपीएस के साथ ऐसा व्यवहार अक्षम्य है.'