1947 से वादे चलते थे, नारे लगते थे लेकिन गरीबों के लिए वास्तविक कार्य 2014 से शुरू हुए - योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश के अंदर 1947 से वादें चलते थे, हर वर्ष वादें, नारे लगते थे लेकिन गरीबों के लिए वास्तविक कार्य 2014 के बाद से प्रारंभ होते गए. हमने वादा नहीं किया, कायदे से जो हक बनता था वो उस(गरीब) तक पहुंचाने का कार्य किया है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वादों, झूठे नारों, जाति, क्षेत्र, मत और मज़हब के आधार पर समाज को बांटने वाले लोग आज भी अपनी उस विभाजनकारी मानसिकता से बाज नहीं आ रहे हैं. आज भी विभाजन की वो मानसिकता उनके मनोमस्तिष्क पर पीढ़ी-दर-पीढ़ी उसी रूप में हावी हो रही है.
सीएम योगी ने कहा कि इसलिए विकास उनको अच्छा नहीं लग रहा है और इसलिए वो षड्यंत्र पर षड्यंत्र रचते जा रहे हैं. एक गरीब की लाश पर राजनीति करने वाले इन चेहरों को पहचानिए, देश और समाज के लिए कितनी विकृत सोच के साथ ये काम कर रहे हैं. कोविड-19 महामारी के बावजूद जुलाई माह में प्रदेश में रिकॉर्ड संख्या में वृक्षारोपण कार्यक्रम सम्पन्न हुआ. वृक्षारोपण का यह कार्यक्रम कोविड-19 के प्रोटोकॉल के पालन के साथ ही पर्यावरण संरक्षण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता भी दर्शाता है.
सीएम योगी ने कहा कि भ्रष्टाचार के प्रकरण में जीरो टॉलरेंस की नीति के अनुरूप टेंडर कार्यों में अनियमितता के आरोपों में तत्कालीन अधीक्षण अभियंता, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग, लखनऊ परिमंडल (संप्रति कानपुर परिमंडल) को निलंबित करने का आदेश दिया है. मैं वन विभाग को धन्यवाद देता हूँ कि उन्होंने वैश्विक महामारी कोरोना के बावजूद वन्य प्राणि सप्ताह का आयोजन कर प्रकृति एवं पर्यावरण के प्रति अपनी वचनबद्धता को आगे बढ़ाने का कार्य किया है.