हर्ष फायरिंग तो नपेंगे थाना प्रभारी : डीजीपी ओपी सिंह
प्रदेश के किसी भी जिले में हर्ष फायरिंग की घटना न हो इसके लिए जनपद के सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व एसपी सतर्कता बरतें।
हर्ष फायरिंग में बढ़ती घटनाओ को देखते हुए पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने इसे गंभीरता से लिया है। वैवाहिक व अन्य कार्यक्रमों में हर्ष फायरिंग को रोकने के लिए प्रदेश के सभी पुलिस अधिकारियों को कड़े निर्देश दिये हैं।
डीजीपी ने पुलिस मुख्यालय से प्रदेश के सभी कप्तानों को एक पत्र जारी किया है। जिसमें साफ कहा गया कि प्रदेश के किसी भी जिले में हर्ष फायरिंग की घटना न हो इसके लिए जनपद के सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व एसपी सतर्कता बरतें। इसके अलावा हर्ष फायरिंग रोकने के सम्बन्ध में प्रत्येक माह मासिक समीक्षा गोष्ठी में अनिवार्य रूप से की गयी कार्यवाही के सम्बन्ध में चर्चा की जाय। शादी विवाह में हवाई फायरिंग एवं शौकिया फायरिंग की सम्भावना के सम्बन्ध में पूर्व जानकारी होने पर वहां समुचित पुलिस प्रबन्ध कर व्यवस्था की जाय।
शादी-विवाह में अस्त्र-शस्त्र के गलत प्रयोग की सूचना मिलने पर शस्त्र अधिनियम की धारा 30 के अन्तर्गत अभियोग पंजीकृत कर धारा-17 के अन्तर्गत शस्त्र निरस्तीकरण की कार्यवाही की जाय।शस्त्रों से हवाई फायरिंग शस्त्र अधिनियम का उल्लघंन और अपराधिक कृत्य हैं। इस बात का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये, ताकि ऐसी गतिविधियां को स्वतः रोकने में सहायता मिल सकें। हर्ष फायरिंग की घटना में यदि किसी की मृत्यु हो जाती है तो धारा 304 भादवि का अभियोग भी पंजीकृत किया जाय।
हर्ष फायरिंग की घटना में मृत्यु होने या चोट लगने के मामले में बिना तहरीर की प्रतीक्षा किये थाना पुलिस अभियुक्त के खिलाफ एफआईआर दर्ज करें। उन्होंने सख्त निर्देश दिया है कि यदि विवाह स्थल,विवाह घर, होटल या अतिथि गृह के इन सभी के लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्यवाही अधिकृत प्राधिकारी द्वारा करायी जाय। अगर कोई भी लापरवाही होती है तो इसके जिम्मेदार थाना प्रभारी व बीट पुलिस कर्मी होंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। साथ ही शस्त्र रखने वालो को भी देना होगा कारतूसों का विवरण।
बता दें कि बीते माह में हर्ष फायरिंग के दौरान कई बड़ी घटनाएँ हो गई है, जिन्हें लेकर डीजीपी ओपी सिंह परेशान नजर आ रहे थे। क्योंकि इन घटनाओं का संज्ञान मुख्यमंत्री भी ले रहेथे। उन्होंने इसके बारे में नाराजगी भी जाहिर की है।