नरेंद्र राणा
लेख की शुरुआत इस शेर के साथ, जिसको लगाया राम ने वो चमन उजड़े भी क्या ,जुगनुओं की चमक से चांद का बिगड़े भी क्या।
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगेंद्र योगी आदित्यनाथ के अनन्य सहयोगी है भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी जिन्होंने स्थानीय निकाय चुनावों में विपक्षियों को ढेर कर दिया है। भाजपा ने 17 में से 17 मेयर की सीटें जीत कर इतिहास रच दिया है। बेहद शालीन अति मेहनती महागुणवान अध्यक्ष ने पार्टी की इस विजय के लिए मुख्यमंत्री योगी जी व उत्तर प्रदेश भाजपा के महामन्त्री संगठन धर्मपाल सिंह और प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह के साथ मिलकर 100ः जीत की जो रणनीति बनाई वह शत प्रतिशत सफल रहीं। विपक्ष को तो परिणाम के दिन मानो साँप सूँघ गया था। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी तो कोमा में है ही बसपा व यहां की मुख्य विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी के भी अध्यक्ष जी ने दांत खट्टे कर दिए हैं। ये सारे विपक्षी दल 13 मई को आये नतीजों पर कर्नाटक कर्नाटक बोले जा रहे थे वही इनके बयानों पर उत्तरप्रदेश के लोग एक स्वर में कह रहे थे कि नाच न जाने आंगन टेढ़ा जैसी इनकी हालत हो गयी है। आसन लोकसभा चुनाव में भी उत्तर प्रदेश में य़ह आवाज सुनी जा सकती है कि 80 में 80 भाजपा की पक्की नहीं कोई रस्साकशी। अध्यक्ष भाजपा भूपेंद्र चौधरी मानो विपक्ष को कह रहे है आगे आगे देखिये होता है क्या, भारत की य़ह कहावत कहती जो हैं पूत के पैर पालने में दिख जाते है। जब से भूपेंद्र जी भाजपा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष बने हैं उनके नेतृत्व में भाजपा ने जीत दर जीत दर्ज करते हुए जो इतिहास रहा है वह तोड़ पाना विपक्ष के लिए असम्भव ही नहीं नामुमकिन भी लगने लगा है । उत्तरप्रदेश के विपक्षी दलों की बात करे तो ये सारे दल अलग अलग व मिलकर भी भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ चुके है परिणाम वही ढाक के तीन पात वाला ही रहा है। भाजपा से हारने पर एक दूसरे को हार के लिए कोसना व जिम्मेदार ठहराया गया।
समाजवादी पार्टी जब प्रदेश में सत्तारूढ़ थी तब भी भाजपा के विरुद्ध अकेले चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं दिखा पायी थी उसने कांग्रेस पार्टी के साथ समझोता कर भाजपा को हराने की कोशिश जरूर की लेकिन परिणाम ने दोनों को चारो खाने चित कर दिया।
चंद दिनों बाद ही दो युवराज जो चुनाव में भाजपा को हराने के लिए शहर-शहर शृंगार कर घूम रहे थे उनका रंग चुनाव परिणामों ने उतार दिया या यू कहे कि फीका कर दिया । हार को पचा नहीं पाये और एक दूसरे पर दोष मढ़ने लगे अन्ततः अपने अपने घर खिसयानी बिल्ली खंबा नोचे वाली कहावत को चरितार्थ कर दिया दोनों दलों ने।
दूसरी कहावत भी दोनों पक्षों पर सही साबित हुई हार ऐसी हुई कि ना घर के रहे ना घाट के। बहुजन समाज पार्टी का तो सूफड़ा ही साफ कर दिया भाजपा ने। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी जी ने निकाय चुनाव में मिली शतप्रतिशत सफ़लता से पहले भी अपनी जो भी जिम्मेदारी उनको पार्टी ने समय-समय पर दी उसमे अपने अथक प्रयासों से हर जगह हर समय अपनी संगठनात्मक रणनीति का लोहा मनाया है। अपनी कार्यकुशलता के कारण ही भाजपा नेतृत्व व कार्यकर्ताओं की पसन्द बन प्रदेश सरकार में दो दो बार मंत्री बने, दो दो बार विधान परिषद के माननीय सदस्य बने। जिला अध्यक्ष से क्षत्रीय अध्यक्ष वहां से विधानपरिषद फिर सरकार में मंत्री और अब उत्तर प्रदेश जैसे देश के सबसे बड़े सूबे के मुखिया बन अपनी कार्यकुशलता से पार्टी को जीत दर जीत दिलाते हुए मजबूत बना रहे है।
उत्तर प्रदेश में चाचा भतीजे को बार बार य़ह कह्ते हुए सुना गया था कि यदि चाचा साथ हो जाये और उनकी इच्छा के अनुसार चुनाव लड़ा जाय तो भाजपा को वे हरा देंगे। य़ह अवसर भी मिलगया और चुनाव भी आ गये। समाचार पत्रों में चाचा खूब छपे। जहां जाते वही बोलते सपा जीत रहीं हैं भाजपा सरकार से लोग परेशान हैं। कानपुर गये तो कानपुर में सपा की रिकॉर्ड जीत होगी, आगरा पहुंचे तो आगरा में तो कोई सपा का मुकाबला ही नहीं है।
मेरठ में भी चाचा यही कह कह कर डींगे हांकते रहे। अब परिणाम आने के बाद से चाचा जी गायब हो गए लगता है उनकी खोज के लिए सपा को पोस्टर लगाने पड़ सकते है । भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी जी ने कभी भी जीत का श्रेय स्वयं नहीं लिया बल्कि मुख्यमंत्री योगी जी व समस्त बीजेपी कार्यकर्ताओं तथा संगठन महामन्त्री धर्मपाल जी को और केंद्र सरकार व राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को जीत दिलाने वाला प्रमुख कारण बताया है।
मर्यादा पुरुषोत्तम परमात्मा श्री राम जी की उन पर असीम कृपा है जिसके कारण वे दिनों दिन सफ़लता व यश प्राप्त करते जा रहे हैं। पुज्य महान संत श्री रामचरित मानस के रचियता गोस्वामी तुलसीदास जी चौपाई में लिख कर रामजी की कृपा प्राप्त होने पर बताते है, जा पर कृपा राम की होई, ता पर कृपा करें सब कोई।
अपने नेतृत्व व कार्यकर्ताओं के साथ अध्यक्ष जी का समबन्ध ऐसा है जैसा सूर्य का उनकी किरणों से है यानि कहने सुनने व देखने में भिन्न भिन्न प्रतीत होती है लेकिन भिन्न है नहीं एक ही है। सृष्टि के रचियता भगवान ब्रम्हा जी परमात्मा श्री राम जी की स्तुति गान करते हुए कह्ते है, ‘‘चौपाई, इति वेद वंदित नहीं दंत कथा रवि आत्प भिन्नम भिन्न जथा ब्रह्मा जी कह्ते है कि हे प्रभु य़ह वेदों का कथन है कोई दंत कथा नहीं है कि आपका जीवात्मा से समबन्ध भिन्न भी है और नहीं भी है जैसे सूर्य और उसकी किरनों का। उत्तर प्रदेश में एसपी और बीएसपी का जब गठबंधन हुआ तब एक बार तो बुआ भतीजे को ऐसा लगा जैसे उन्होंने बिना चुनाव लड़े ही जीत हासिल कर ली है क्योंकि लोकसभा के दो उपचुनाव में वे जीत जो गये थे। उल्लेखनीय है कि कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत पर ऐसी खुशी मना रहे हैं जैसे एक राज्य का विधानसभा चुनाव नहीं देश की लोकसभा का चुनाव जीत लिया हो। ये भाजपा विरोधी दल जनता की दिल से निकली बात जो आसन 2024 के लोकसभा चुनाव में तूफान बनने जा रही है वह सुनकर भी अनसुनी कर रहे हैं वह है फला तेरी खेर नहीं मोदी जी से बेर नहीं। ये जनता हैं सब जानती है सबकुछ पहचानती है। जिस देश के प्रधानमंत्री का दूसरे देश का प्रधानमंत्री पैर छू कर आशीर्वाद लेता है। दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका का राष्ट्रपति मोदी जी के पास जाकर सार्वजनिक रूप से कहता है कि उनको मोदी जी का ऑटोग्राफ चाहिए। दुनिया के विकसित देश आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री सभा में कह्ते है मोदी जी सबके बॉस है। भारत के किस नेता को ऐसा सम्मान पहले मिला है जिससे देश का इतना सम्मान बड़ा हो तो कृपया जनता का मार्गदर्शन करने का कष्ट करें। 28 मई को प्रधानमंत्री मोदी जी नव निर्मित भव्य व दिव्य संसद भवन का उद्घाटन करेंगे क्या य़ह गौरव का क्षण पहले कभी देखा है तो कृपया बीजेपी विरोधी दल अवश्य बताए। बीजेपी उत्तर प्रदेश ने ठाना है मोदी जी को बार बार प्रधानमंत्री बनाना है। स्थानीय निकाय मेयर के चुनावों में मिली शत प्रतिशत जीत य़ह कहती है कि भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने भूपेंद्र चौधरी को उत्तर प्रदेश में पार्टी का मुखिया बना कर जीत की नीव रख दी है।