लखनऊ से तौसीफ़ क़ुरैशी
राज्य मुख्यालय लखनऊ।जहाँ यूपी को देश की सियासत में अहम माना जाता है और है इसमें कोई सक भी नही है देखा जाए तो देश के सबसे ताक़तवर निवास 7 रेस कोर्स रोड पर जाने का रास्ता यूपी से ही होकर जाता है यही वजह है कि यूपी ने बहुत से सियासी योद्धा दिए जिन्होंने यूपी से सांसद बनकर देश की सियासत को अपने इर्दगिद बनाए रखा इसमें कोई सक नही है।जब यूपी के इन सियासी योद्धाओं पर नज़र दौड़ाई जाएगी तो इन सियासी योद्धाओं के सियासी रिकार्ड बोलते दिखाई देंगे। उनमें सपा के मुलायम सिंह यादव यूपी की सात लोकसभा सीटों से संसद पहुँचने वाले ऐसे पहले सांसद है जिन्होंने यूपी सियासत में कई रिकार्ड बनाए है।
भारतीय जनता पार्टी के नेता पूर्व प्रधानमंत्री स्वं अटल बिहारी वाजपेयी पाँच बार अलग-अलग प्रदेशों से सांसद रहे जिसमे लखनऊ , बलरामपुर , नई दिल्ली व विदिशा शामिल है।कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष एवं यूपीए की चेयरमैन सोनिया गांधी भी दो प्रदेशों से तीन लोकसभा सीटों अमेठी , रायबरेली व कर्नाटक की बिल्लारी से सांसद रही वही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी दो लोकसभा सीटों से सांसद रहे।भारतीय जनता पार्टी के नेता अब मोदी की भाजपा के दौर में मार्गदर्शक मंडली के सदस्य बना दिए गए मुरली मनोहर जोशी तीन लोकसभा सीट इलाहाबाद , कानपुर नगर व वाराणसी से सांसद रहे।भारतीय जनता पार्टी के नेता एवं केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह दो लोकसभा ग़ाज़ियाबाद व लखनऊ से सांसद रहे।
भारतीय जनता पार्टी की नेता मेनका गांधी दो लोकसभा सीटों पीलीभीत से सांसद रही वही उनके पुत्र वरूण गांधी भी दो लोकसभा सीटों पीलीभीत व सुल्तानपुर से सांसद पहुँचने में कामयाब रहे।जनता दल यू के पूर्व नेता शरद यादव भी एक बार यूपी से सांसद रहे बाक़ी बार बिहार से सांसद रहे।पीडीएफ़ के नेता एवं जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री मुफ़्ती मौहम्मद सईद मुज़फ़्फ़रनगर लोकसभा सीट से सांसद बने और केन्द्र में गृहमंत्री भी रहे।वही यूपी की आधा दर्जन लोकसभा सीटों से उम्मीदवार रह चुके हैं राजबब्बर राजनैतिक प्रयोगशाला में कांग्रेस नेता व राज्यसभा सांसद राजबब्बर का एक बार फिर परीक्षण होने जा रहा है।जी हां कांग्रेस यूपी के अधयक्ष राजब्बर देश के उन चंद नेताओं में से एक हैं जिनका हर लोकसभा चुनाव में लोकसभा क्षेत्र बदल दिया जाता है।अब तक वे यूपी की आधा दर्जन लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ चुके हैं।
मगर कामयाबी दो सीटों पर ही मिली है।वे लगातार तीन बार लोकसभा में अपना कार्यकाल पूरा कर चुके हैं।1996 में राजबब्बर स्व अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ सपा के टिकट पर लखनऊ से लड़े और हार गये मगर भाजपाइयों के पसीने छुड़ा दिए।उसके बाद लगातार दो बार वे आगरा लोकसभा सीट से सांसद रहे।आगरा सीट सुरक्षित हुई तो पड़ोस वाली सीट फतेहपुर सीकरी से लड़ गये मगर यहां वे हार गये।2009 में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव कन्नौज और फिरोजाबाद से लोकसभा चुनाव लड़े और उन्होंने दोनों सीट पर जीत दर्ज कराई फिरोजाबाद में उपचुनाव हुआ कांग्रेस ने राजबब्बर को फिरोजाबाद से लड़ा दिया।
अखिलेश यादव की धर्मपत्नी डिम्पल यादव पहली बार यहां से चुनाव लड़ीं और राजबब्बर ने उन्हें भारी मतों से हराया और सांसद बन गये।2014 के लोकसभा चुनाव में राजबब्बर को गाज़ियाबाद से कांग्रेस ने टिकट दिया।मोदी लहर में वे हार गये यहां वे दूसरे नम्बर पे रहे।अब 2019 के लोकसभा चुनाव में राजबब्बर को नयी प्रयोगशाला दी गई है।कांग्रेस ने मुरादाबाद लोकसभा सीट से राजबब्बर को इस बार अपना उम्मीदवार बनाया है।अब देखना ये है कि राजबब्बर इस नई प्रयोगशाला में पास होते हैं या फेल ये आने वाला समय बतायेगा।