लखनऊ. DGP ने कोरोना से लड़ रहे पुलिसकर्मियों के लिए बनाई स्पेशल सेल,इस एडिशनल एसपी को दी जिम्मेदारी
इससे पुलिसकर्मियों को सहायता मिलेगी और उनका मनोबल भी बढ़ेगा.
लखनऊ. यूपी के डीजीपी एचसी अवस्थी (DGP HC Awasthi) ने कोरोना वायरस (Coronavirus) के खिलाफ फ्रंट लाइन पर लड़ रहे पुलिसकर्मियों (Policemen) को परामर्श और मार्गदर्शन देने के लिए डीजीपी ऑफिस में एक पुलिस कोरोना सहायता इकाई (Police Corona Helpline Unit) का गठन किया है. इस सेल की नोडल अफसर एडिशनल एसपी साधना सिंह को बनाते हुए एक हेल्पलाइन नंबर 9454400544 भी जारी किया गया है. इस हेल्पलाइन नंबर पर फोन करके पुलिसकर्मी कोरोना से बचाव के बारे में परामर्श और मार्गदर्शन ले सकते हैं.
उत्तर प्रदेश में 27 पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं और कई पुलिसकर्मियों के सैंपल कोरोना टेस्ट के लिए भेजे गए हैं. कोरोना प्रभावित हॉटस्पॉट में पुलिसकर्मी ड्यूटी करते हैं और क्वारंटाइन सेंटर के बाहर भी पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं. कोरोना संक्रमितों और संदिग्धों की वजह से कानून व्यवस्था बिगड़ने की स्थिति में भी पुलिसकर्मी सबसे आगे खड़े होते हैं. इन्हीं वजहों से कुछ पुलिसकर्मी भी कोरोना संक्रमित हुए हैं और कुछ के सैम्पल लिए गए हैं. ऐसे माहौल में पुलिसकर्मियों का मनोबल बढ़ाने के लिए डीजीपी मुख्यालय में स्पेशल सेल का गठन किया गया है.
डीजीपी एचसी अवस्थी ने बताया कि हर संकट की घड़ी में पुलिस सामने खड़ी रहती है. कोरोना से निपटने में भी तमाम पुलिसकर्मी फ्रंटलाइन पर तैनात हैं. ऐसे पुलिसकर्मियों और उनके परिजनों सहायता के लिए स्पेशल सेल का गठन कर हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है. इससे पुलिसकर्मियों को सहायता मिलेगी और उनका मनोबल भी बढ़ेगा.
इन जिलों में इतने पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव
बता दें उत्तर प्रदेश के कानपुर जापद में सर्वाधिक संख्या मे पुलिसकर्मी संक्रमित मिले हैं. जिले में अभी तक 12 पुलिसकर्मियों में संक्रमण की पुष्टि हुई है, जबकि कई अन्य की रिपोर्ट आनी बाकी है. इसके अलावा फिरोजाबादमें चार, वाराणसी में आठ, आगरा, मुरादाबाद व बिजनौर में एक-एक पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव पाया गया है.
लॉकडाउन उल्लंघन के खिलाफ अभी तक 33,049 मामले दर्ज
प्रदेशभर में लॉकडाउन उल्लंघन के खिलाफ अभी तक 33,049 मामले दर्ज हो चुके हैं. वहीं सात लाख पांच हजार 474 वाहनों के चालान और 33071 वाहनों के सीज कर अभी तक 13 करोड़ 18 लाख 79 हजार 832 रुपये शमन शुल्क वसूला जा चुका है. ईसी ऐक्ट के तहत 566 मामले दर्ज किए जा चुके हैं.