उत्तर प्रदेश में कांग्रेस-सपा-बसपा के एक होने की अटकलों के बीच बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने बड़ा ऐलान किया है. बसपा ने साफ किया है कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव में किसी भी राज्य में कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करेगी. उत्तर प्रदेश में बसपा और सपा एक साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे लेकिन कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं होगा.
प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, बहुजन समाज पार्टी अन्य राज्यों में छोटे दलों को अपने साथ लाएगी और चुनाव लड़ेगी. मायावती का साफ कहना है कि कुछ दल BSP से गठबंधन करने को आतुर हैं, लेकिन थोड़े से चुनावी लाभ के लिए वह ऐसा नहीं करेंगे. बयान में कहा गया है कि हालात बदलते हुए देर नहीं लगती है, ऐसे में बसपा अपने कैडर को मजबूत करेगी और लोकसभा चुनाव में लड़ेगी.
आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी-बहुजन समाज पार्टी उत्तर प्रदेश में एक साथ लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. हाल ही में ऐसी खबरें भी थी कि इस गठबंधन में कांग्रेस को भी जगह मिल सकती है और दोनों पार्टियां कांग्रेस को 15 सीटें दे सकती हैं. वहीं आज अखिलेश ने भी अपनी निगाह कांग्रेस की और से टेढ़ी कर ली है. लेकिन मायावती के इस बयान से साफ है कि कांग्रेस के साथ गठबंधन के मूड में नहीं हैं. हालांकि, सपा-बसपा ने अमेठी और रायबरेली की सीट कांग्रेस के छोड़ दी है, यहां से राहुल गांधी और सोनिया गांधी चुनाव लड़ते हैं.
दूसरी ओर कांग्रेस ने भी इसका जवाब ऐसे ही दिया है. खबर है कि जिन सीटों पर मायावती या अखिलेश के परिवार के सदस्य चुनाव लड़ेंगे ऐसी 6 सीटों पर कांग्रेस भी अपना उम्मीदवार खड़ा नहीं करेगी. कांग्रेस ने अभी तक अपने 11 उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है, जबकि समाजवादी पार्टी की ओर से भी कई सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया जा चुका है.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की कुल 80 लोकसभा सीटों पर सपा 37, बसपा 38 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. जबकि, तीन सीटें रालोद को दी गई हैं. कई सर्वे में दिखाया गया है कि अगर सपा-बसपा-कांग्रेस एक साथ चुनाव लड़ते हैं तो बीजेपी को उत्तर प्रदेश में भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है.