बहुजन समाज की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा कि किसी भी लोकतांत्रिक देश में चुनाव कभी कोई समस्या नहीं हो सकती है और न ही चुनाव को कभी धन के व्यय-अपव्यय से तौलना उचित है. देश में 'एक देश, एक चुनाव' की बात वास्तव में गरीबी, महंगाई, बेरोजबारी, बढ़ती हिंसा जैसी ज्वलन्त राष्ट्रीय समस्याओं से ध्यान बांटने का प्रयास व छलावा मात्र है.
मायावती ने कहा कि बैलेट पेपर के बजाए ईवीएम के माध्यम से चुनाव की सरकारी जिद से देश के लोकतंत्र व संविधान को असली खतरे का सामना है. ईवीएम के प्रति जनता का विश्वास चिन्ताजनक स्तर तक घट गया है. ऐसे में इस घातक समस्या पर विचार करने हेतु अगर आज की बैठक बुलाई गई होती तो मैं अवश्य ही उसमें शामिल होती.
मायावती ने कल प्रतापगढ़ में हुई किसान की हत्या पर रोष जताते हुए कहा कि यूपी के प्रतापगढ़ में दलित किसान की जलाकर हत्या व डाक्टरों की कल हड़ताल के दौरान लोहिया अस्पताल में उत्पात वास्तव में हत्या व जूल्म-ज्यादती आदि की उस श्रृंखला की ताजा कड़ी है जो लोकसभा चुनाव के बाद दलितों, पिछड़ों व अल्पसंख्यकों पर हो रहे हैं. अति-दुःखद व निन्दनीय है सरकार को इसका संज्ञान लेना चाहिए.