मायावती ने कर दिया बड़ा ऐलान, नहीं लडूंगी लोकसभा चुनाव और मुलायम सिंह के लिए करूंगी प्रचार

Update: 2019-03-15 06:48 GMT

बसपा सुप्रीमो मायावती ने लोकसभा चुनाव ने लड़ने का एलान कर प्रदेश में बीजेपी के लिए एक मुश्किल पैदा कर दी है. अब मायावती स्वतंत्र होकर केवल अपने गठबंधन के उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रचार का काम करेंगीं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोंगों को जितवा कर बीजेपी को हराया जाय. 


मायावती ने यह फैसला गठबंधन की मजबूती के लिए लिया है. उन्होंने कहा है कि में इस बार चुनाव न लड़कर गठबंधन की मजबूती के लिए चुनाव प्रचार करूंगी ताकि प्रदेश की सभी लोकसभा सीटें जीती जायं.  चुनाव प्रचार को लेकर मायवती अब मैनपुरी में मुलायम सिंह यादव के लिए 19 अप्रैल को रैली कर वोट मांगेगी. 

मायावती ने कहा कि परमपूज्य बाबा साहेब डा भीमराव अम्बेडकर के निर्वाण के बाद कई दशक तक गुमनाम व बिखरे पड़े उनके कारवाँ को बामसेफ, डीएस4 व बीएसपी मूवमेन्ट के माध्यम से ज़िन्दा करके उसको देश की राजनीति में सम्मान दिलाने वाले मान्यवर कांशीराम जी को आज उनके जन्मदिन पर शत् शत् नमन व श्रद्धा सुमन करती हूँ .

उन्होंने कहा कि यूपी में बनी बीएसपी की सरकारों में इन महापुरुषों के साथ-साथ दलित व पिछड़े वर्ग में जन्मे महान संतों, गुरुओं व महापुरुषों को भरपूर आदर-सम्मान दिया गया क्योंकि सामाजिक परिवर्तन व समतामूलक समाज बनाने हेतु इनके संघर्षों व बलिदानों को भुलाना अससंभव है. 

उन्होंने कहा कि ऐसे युग पुरुष का भी केन्द्र व राज्यों की सत्ता में रही पार्टियों ने वैसी ही उपेक्षा व तिरस्कार किया जैसाकि परमपूज्य डा अम्बेडकर का उनके जीवन में व देहान्त के बाद भी किया गया। हजारों साल नरगिस अपनी बेनूरी पे रोती है, बड़़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदावर पैदा-वे अलमोल रत्न थे.

मायावती ने कहा कि बहुचर्चित राफेल विमान सौदे में अपने बचाव में संसद व कोर्ट में भी बदलते तेवर व तर्क से मोदी सरकार लगातार अपनी फजीहत खुद ही करवा रही है. राफेल भी बोफोर्स की तरह गंभीर सरकारी भ्रष्टाचार का प्रतीक बन गया है. वैसे कोई भी सरकार देशहित के मामले में इतनी लापरवाह कैसे हो सकती है?

इस मंच पर पहली बार वर्षों पुरानी लड़ाई भूलकर एक मंच पर बैठेगे दोनों नेता और अपनों के लिए वोट मांगेगें. प्रदेश में यह बदलाब पिछले कई सालों बाद देखने की मिलेगा. 

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