मायावती का बड़ा बयान, अतीक परिवार के किसी सदस्य को टिकट नहीं देंगे: निकाय चुनाव EVM से न कराकर बैलेट पेपर से कराएं
मायावती ने कहा, बहुजन समाज पार्टी इस बार लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश में होने वाले निकाय चुनाव पूरे दमखम से लड़ेगी.
लखनऊ : बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी अतीक अहमद की पत्नी शाहिस्ता परवीन और उनके परिवार के किसी भी सदस्य को टिकट नहीं देगी। इससे पहले 27 फरवरी को, प्रयागराज हॉरर में 2005 के बसपा विधायक राजू पाल हत्या मामले में एक प्रमुख गवाह उमेश पाल और उनके गनर की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी, इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मायावती ने कहा था कि उनकी पार्टी माफिया से नेता बने अतीक अहमद की पत्नी को निष्कासित कर देगी। अगर वह जांच में दोषी पाई गई। प्रयागराज हमले को लेकर दर्ज एफआईआर में प्रवीण का नाम था। उन्होंने अतीक अहमद को लेकर समाजवादी पार्टी पर भी आरोप लगाया।
इससे पहले अटकलें लगाई जा रहीं थीं कि बसपा अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन को मेयर पद के लिए टिकट देगी। लेकिन उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी बनाए जाने के बाद शाइस्ता परवीन फरार चल रही है और प्रयागराज पुलिस ने उसके सिर पर 50 हजार का इनाम भी रखा है।
बहुजन समाज पार्टी इस बार लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश में होने वाले निकाय चुनाव पूरे दमखम से लड़ेगी. इसके लिए बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने काफी पहले से ही पदाधिकारियों को दिशा निर्देश जारी कर दिए थे. कई बार मायावती ने प्रदेश के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर पार्टी की रणनीति के बारे में भी विचार-विमर्श किया था. उन्होंने प्रदेश भर में पार्टी पदाधिकारियों को सदस्यता अभियान चलाकर नए सदस्य पार्टी के साथ जोड़ने के भी निर्देश दिए थे. इसके अलावा 'गांव चलो अभियान' भी चलाया गया था. अब पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की परीक्षा की घड़ी भी करीब आ गई है. स्थानीय निकाय चुनाव के नतीजे बताएंगे कि पार्टी के पदाधिकारियों ने जमीन पर कितनी मेहनत की है.
निकाय चुनाव में पार्टी ऐसे प्रत्याशियों को मैदान में उतारना चाहती है जो जीत का माद्दा रखते हों. पार्टी की तरफ से लखनऊ में महापौर के प्रत्याशियों के चयन को लेकर भी मंथन किया गया है. पार्टी के विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि हर वर्ग से मेयर पद के लिए प्रत्याशियों के नाम आए हैं. इनमें ब्राह्मण, अनुसूचित जाति और मुस्लिम वर्ग के कुल चार महिला उम्मीदवारों के नाम काफी अहम हैं. सूत्रों की मानें तो पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा की पत्नी कल्पना मिश्रा का नाम मेयर के लिए सबसे ऊपर है. इसके बाद बुलबुल गोदियाल का नाम शामिल है. इसके अलावा पार्टी के दो कद्दावर मुस्लिम नेताओं की पत्नियों के नाम भी इस सूची में शामिल हैं. पार्टी का मेयर प्रत्याशी कौन होगा, यह तो बसपा सुप्रीमो ही तय करेंगी. लेकिन, सूत्र बताते हैं कि कल्पना मिश्रा पार्टी की मेयर पद की उम्मीदवार हो सकती हैं.