कोरोना महामारी के दौरान पहली बार मायावती ने दिखाए ये तेवर, सरकार पर लगा दिया ये लांछन
खासकर तब जब अमेरिकी हुकूमत ने अपनी कम्पनियों को चेतावनी दे रखी है कि वे चीन से विस्थापित होने के बाद कहीं और नहीं बल्कि सीधे अपने देश का ही रूख करें जबकि कुछ कम्पनियाँ ताइवान व फिलीपिन्स की ओर आकर्षित हुई हैं।
लखनऊ : बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश मायावती ने आज यहाँ कहा कि चीन छोड़कर भारत आने वाली कम्पनियों की अन्तहीन प्रतीक्षा करते रहकर समय गंवाने के बजाए खासकर केन्द्र व यूपी सरकार को अपने बलबूते पर ही ''आत्मनिर्भर अभियान'' को सफल बनाने का ठोस प्रयास तत्काल शुरू कर देना चाहिए, क्योंकि खासकर चीन के शेनजेन स्पेशल इकोनोमिक जोन जैसी सड़क, पानी, बिजली की फ्री व पोर्ट आदि की आधारभूत सुविधायें व इन कम्पनियों में काम करने वाले श्रमिकों को कार्यस्थल के पास ही रहने की व्यवस्था आदि अपने देश में कहाँ उपलब्ध हैं और साथ ही खासकर वहाँ स्थापित अमेरिकी कम्पनियों का अपने यहाँ देश में आना इतना आसान भी नहीं लगता है।
मायावती ने अपने बयान में कहा कि वैसे तो विदेशी कम्पनी व पूँजी को आकर्षित करने का प्रयास बुरा नहीं है, लेकिन यह कोशिश वास्तविकताओं से बहुत दूर अनिश्चितकालीन कतई नहीं होनी चाहिए। खासकर तब जब अमेरिकी हुकूमत ने अपनी कम्पनियों को चेतावनी दे रखी है कि वे चीन से विस्थापित होने के बाद कहीं और नहीं बल्कि सीधे अपने देश का ही रूख करें जबकि कुछ कम्पनियाँ ताइवान व फिलीपिन्स की ओर आकर्षित हुई हैं।
उन्होंने कहा कि यह कहना इसलिए जरूरी है क्योंकि बीजेपी के मंत्री व नेतागण विदेशी कम्पनियों से जितनी आश लगाये बैठे हैं वह देश को आत्मनिर्भर बनाने के संकल्प को मजबूत करने वाला नहीं लगता है। इस सोच में मूलभूत सुधार की जरूरत है, जिसमें भारतीय कम्पनियों को भी काफी डटकर पूरी निष्ठा व ईमानदारी के साथ दीर्घकालीन रणनीति बनाकर काम करना होगा ताकि भारतीय उत्पादन उत्कृष्ठ होकर ग्लोबल ब्राण्ड देे सके। वैसे भी इस मामलें में बी.एस.पी का यह मानना है कि देश की मूलभूत जरूरत सम्बंधी बड़े उद्योगों को सरकारी क्षेत्र में ही बढ़ावा देने के साथ-साथ प्राइवेट सेक्टर को भी देश की तरक्की के लिए प्रोन्नत करना चाहिए ताकि वे ग्लोबल कम्पीटिशन कर सकें।
मायावती ने कहा कि इतना ही नहीं बल्कि चीन के शेनजेन स्पेशल इकोनोमिक ज़ोन में उद्यमियों को मिलने वाली बुनियादी सुविधायें अगर अपनी भारतीय उद्यमियों को देकर उनका सदुपयोग उत्कृष्ट वस्तुओं के उत्पादन हेतु दृढ़-इच्छाशक्ति के साथ सुनिश्चित किया जाए तो कोरोना महामारी व उसके उपरान्त लाॅकडाउन के कारण उजड़े लाखों छोटे व मझोले उद्योग, करोड़ों पीड़ित श्रमिकों का हित व कल्याण तथा भारत को सही मायने में स्वालम्बी व आत्मनिर्भर बनाना थोड़ा जरूर आसान हो जाएगा।
मायावती ने कहा कि इसके अलावा, देशव्यापी जबर्दस्त लाॅकडाउन के कारण बेरोजगारी व काफी बुरे हाल में घर लौटे सर्वसमाज के लाखों श्रमिकों को जीने के लिए जरूरी प्रभावी मदद पहुँचाने के बजाय यूपी सरकार द्वारा एम.ओ.यू. हस्ताक्षर व अनवरत घोषणाओं आदि द्वारा छलावा का नया अभियान जो एक बार फिर शुरू हो गया है वह अति-दुःखद है क्योंकि इससे जनहित व जन-कल्याण का कोई सार्थक उपाय जनता के सामने निकलकर नहीं आ पा रहा है जिसकी आज बहुत आवश्यकता है। आशंका है कि जनहित के ठोस तत्काल उपायों के बिना समस्या और विकराल बन जाएगी व जनता का जीवन त्रस्त बना रहेगा।
मायावती ने कहा कि इस सम्बंध में अच्छा होता कि यूपी सरकार कोई भी नया एम.ओ.य.ू साइन करने व सम्बंधित फोटो छपवाकर सस्ती पब्लिसिटी करने से पहले प्रदेश व देश की जनता को यह बताती कि पिछले वर्षों में साइन किए गए इसी प्रकार के अनेकों एमओयू का क्या अंजाम हुआ? एम.ओ.यू. केवल जनता को वरगलाने व फोटो छपवाने की सस्ती लोकप्रियता के लिए नहीं हो तो यह जनहित में ज्यादा बेहतर है क्योंकि लाखों श्रमिक परिवारों को भूख से बचने के लिए लोकल स्तर पर रोजगार की काफी बेचैनी के साथ प्रतीक्षा है। वास्तव में यह करोड़ों लोगों के जीवन-मरन के साथ-साथ उनके परिवार के जीवन को अंधकार में ढकेलने से जुड़ा मानवीयता का मामला है। सरकार जितनी जल्दी गंभीर होकर इस सम्बंध में ठोस उपाय करे उतना ही बेहतर है।