शरद त्रिपाठी ने हिंदू युवा वाहिनी के नेता और योगी के राकेश सिंह बघेल को क्यों मारा?
अमरेश मिश्र
आप सब लोगों ने संत कबीर नगर के भाजपा सांसद शरद त्रिपाठी द्वारा उसी जिले के मेहंदवा विधान सभा के भाजपा विधायक राकेश सिंह बघेल से हाथापाई का वीडियो देखा। ऐसा आखिर क्यूं हुआ? वीडियो की सच्चाई कुछ और है।
दरअसल, शरद त्रिपाठी, राकेश सिंह बघेल से बात नही कर रहे थे। वो एक अधिकारी से पूछ रहे थे कि उनका नाम जिले की उक्त परियोजना के शिलान्यास मे क्यूं नही गया, जबकी वो वहीं से सांसद हैं। इसपर राकेश सिंह बघेल ने खुद उन्हे टोका--और कहा 'मुझसे बात करिये--मैने करवाया है'! फिर भी सांसद शरद त्रिपाठी उसके प्रति मुखातिब नही हुए। जूते से मारने की बात सबसे पहले राकेश सिंह बघेल ने की। शरद त्रिपाठी इस बदतमीज़ी पर तिलमिला गये।
राकेश सिंह बघेल कौन है?
ये मेहंदवा का विधायक, ठाकुर है, योगी आदित्यनाथ का आदमी है। ये हिंदू युवा वाहिनी का नेता भी है। इसके ऊपर अपराधिक मामलो मे कई FIR हैं। 2017 से राकेश सिंह से ब्राहमण विरोधी अभियान छेड़ रखा है। भाजपा योगी भाजपा के मुख्यमंत्री हैं उत्तर प्रदेश के; फिर भी, सांसद शरद त्रिपाठी और भाजपा के अन्य ब्राहमण सांसदो को योगी उपेक्षित करते रहे हैं।
भाजपा मे दलित और पिछड़ी जातीयों के विधायक-सांसद भी योगी से परेशान हैं। सावित्री बाई फुले और ओम प्रकाश राजभर खुल कर योगी का विरोध कर चुके हैं। भाजपा नेता रमाकांत यादव भी योगी के जातिवाद के ऊपर सवाल उठा चुके हैं। राकेश सिंह बघेल ने शरद त्रिपाठी का 2018 मे पुतला फुंकवाया, उनके खिलाफ प्रदर्शन करवाया, उनके कार्यकर्ताओं पर हमले करवाये।
शरद त्रिपाठी ने यूंही ये सब नही किया। ये एक लम्बे समय से हो रही प्रताड़ना की प्रतिक्रिया है। सोचिये, योगी ने कितना परेशान किया होगा शरद त्रिपाठी को! जब से योगी सरकार आयी है, पूरे पूर्वांचल मे ब्राहमणो और अन्य जातियों को सताया जा रहा है। पूरे इलाक़े मे कई भाजपा सांसद और विधायक परेशान हैं। योगी की नीतियां, अच्छे ठाकुरों को भी परेशान कर रही हैं। योगी सिर्फ हिंदू युवा वाहिनी के लोगों को बढ़ा रहा है।
2019 के चुनाव मे योगी कई ब्राहमणो के टिकट भी कटवा रहे है। इससे व्यापक असन्तोष है। मैं कैसरगंज से प्रत्याशी के रूप मे उतर रहा हूं। वहां भी बृजभूषण शरण सिंह सांसद है। उसने भी ब्राहमणो और गरीबों को बहुत सताया है। हम सब मिल कर 2019 मे योगी की सत्ता हिला दें! यही असली कार्यभार है!