अनुदेशकों के मानदेय और सभी समस्या पर एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने किया था सवाल, मंत्री संदीप सिंह ने दिया जबाब
शासनादेश दिनांक 28 अप्रैल, 2022 द्वारा अंशकालिक अनुदेशकों का मानदेय बढ़ाकर माह अप्रैल, 2022 से रू0 9000/- प्रतिमाह किया गया है।
उत्तर प्रदेश सरकार से सदन चलने के दौरान विधान परिषद में विधान परिषद सदस्य आशुतोष सिन्हा ने अनुदेशक के मानदेय , 100 छात्रों की समस्या , ट्रांसफर और नियमितिकरण पर सवाल किया था। जिसका जबाब विनियमनसमीक्षा समिति की बैठक के बाद बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने एमएलसी आशुतोष सिन्हा को दिया है। जबाब सुनकर थोड़ी हैरानी जरूर होगी।
मंत्री संदीप सिंह ने अपने जबाब में लिखा, उक्त के संबंध में अवगत कराना है कि शासनादेश दिनांक 31 जनवरी, 2013 एवं शासनादेश दिनांक 25 दिसम्बर, 2014 द्वारा 100 से अधिक छात्र नामांकन वाले परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कला शिक्षा, शारीरिक एवं स्वास्थ्य शिक्षा तथा कार्यानुभव शिक्षा हेतु एक-एक अंशकालिक अनुदेशक (कुल 03) संविदा के आधार पर संविदा वर्ष में 11 माह हेतु नियत मानदेय रू0 7000/- प्रतिमाह पर रखे जाने की व्यवस्था की गयी।
शासनादेश के प्रस्तर-1 के बिन्दु 13 में अभ्यर्थी जिस विकास खण्ड का निवासी है यथा सम्भव उसी विकास खण्ड में उसे तैनाती दिये जाने की व्यवस्था की गयी है परन्तु अंशकालिक अनुदेशकों का चयन जनपद स्तर से 100 से अधिक छात्र नामांकन वाले चिन्हित परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों में किया गया। शासनादेश दिनांक 28 अप्रैल, 2022 द्वारा अंशकालिक अनुदेशकों का मानदेय बढ़ाकर माह अप्रैल, 2022 से रू0 9000/- प्रतिमाह किया गया है।
शासनादेश दिनांक 29 नवम्बर, 2019 द्वारा अंशकालिक अनुदेशकों के परस्पर सहमति एवं अनुरोध पर संबंधित विषय में रिक्त अंशकालिक अनुदेशक पद के सापेक्ष विद्यालय परिवर्तन की स्वीकृति दी गयी थी। अंशकालिक अनुदेशकों का संविदा नवीनीकरण में उत्पीड़न की बात निराधार है।
शासनादेश दिनांक 29 नवम्बर, 2019 में अंशकालिक अनुदेशकों के संविदा नवीनीकरण की कार्यवाही प्रत्येक वर्ष संविदा समाप्त होने के कम से कम 01 माह पूर्व प्रारम्भ करने एवं जिलाधिकारी की अनुमति से नवीनीकरण की कार्यवाही 31 मई के पूर्व किये जाने की व्यवस्था दी गयी है।
यदि संबंधित अंशकालिक अनुदेशक की अनुबंध अवधि में किसी प्रकार की चेतावनी निर्गत नहीं की गयी है, तो उसकी सेवा संतोषजनक माने जाने का प्रावधान उक्त शासनादेश में उल्लखित है।
शासनादेश दिनांक 29 नवम्बर, 2019 के अनुसार गंभीर अनुशासनहीनता की स्थिति में यदि अंशकालिक अनुदेशक की सेवा समाप्त करने की आवश्यकता प्रतीत होती है, तो जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा पुष्ट प्रमाणों सहित स्वतः स्पष्ट प्रस्ताव जिलाधिकारी को प्रस्तुत किया जायेगा। संविदा समाप्ति हेतु निर्गत आदेश जिलाधिकारी के अनुमोदन के उपरान्त ही मान्य होगा। कृपया उक्त स्थिति से अवगत होने का कष्ट करें।
बता दें कि मंत्री संदीप सिंह ने भी नवीनीकरण को लेकर शासनादेश की बात कही है उसमें लिखा है शासनादेश दिनांक 29 नवम्बर, 2019 में अंशकालिक अनुदेशकों के संविदा नवीनीकरण की कार्यवाही प्रत्येक वर्ष संविदा समाप्त होने के कम से कम 01 माह पूर्व प्रारम्भ करने एवं जिलाधिकारी की अनुमति से नवीनीकरण की कार्यवाही 31 मई के पूर्व किये जाने की व्यवस्था दी गयी है। जबकि आज भी कई जिलों में नवीनीकरण की वयस्था नहीं की गई है जिससे आज भी हजारों अनुदेशक पिछले तीन माह से मानदेय से वंचित है।