यूपी में एमएलसी चुनाव: नामांकन प्रक्रिया आज से शुरू, सपा और बीजेपी से ये प्रत्याशी है आमने-सामने!
एमएलसी चुनाव के लिए सपा ने अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है जबकि बीजेपी ने अपने कैंडिडेट को हरी झंडी दे दी है, लेकिन कांग्रेस ने अभी तक अपने प्रत्याशियों के नाम अधिकारिक तौर पर जारी नहीं किए हैं.
उत्तर प्रदेश की 11 विधान परिषद (एमएलसी) सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया गुरुवार से शुरू हो गई है, जो 12 नवंबर तक जारी रहेगी. नामांकन सुबह 11 बजे से दोपहर दो बजे के बीच ही किए जाएंगे. छह शिक्षक और पांच स्नातक कोटे की विधान परिषद सीटें के लिए एक दिसंबर को चुनाव होने हैं जबकि 3 दिसंबर को नतीजे आएंगे. सपा ने अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है जबकि बीजेपी ने अपने कैंडिडेट को हरी झंडी दे दी है, लेकिन कांग्रेस ने अभी तक अपने प्रत्याशियों के नाम अधिकारिक तौर पर जारी नहीं किए हैं.
सपा के प्रत्याशियों की लिस्ट
सपा ने11 प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया है. स्नातक निर्वाचन क्षेत्र लखनऊ खंड से राम सिंह राणा, आगरा खंड से डॉक्टर असीम, मेरठ से शमशाद अली, वाराणसी से आशुतोष सिन्हा और इलाहाबाद-झांसी खंड से डॉक्टर मान सिंह को प्रत्याशी बनाया गया है. वहीं, शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र लखनऊ से उमाशंकर चौधरी पटेल, वाराणसी से लाल बिहारी, बरेली-मुरादाबाद खंड से संजय कुमार मिश्रा, मेरठ से धर्मेंद्र कुमार, आगरा से हेवेन्द्र सिंह चौधरी हऊआ और गोरखपुर-फैजाबाद खंड से अवधेश कुमार प्रत्याशी बनाए गए हैं.
बीजेपी के संभावित प्रत्याशी
बीजेपी ने विधान परिषद में भी अपनी सदस्य संख्या बढ़ाने के लिए शिक्षक एवं स्नातक क्षेत्र की सीटों पर नजर गड़ा दी है. बीजेपी ने स्नातक कोटे की सीटों के लिए लखनऊ से अवनीश सिंह पटेल, वाराणसी से केदारनाथ सिंह, आगरा से मानवेंद्र सिंह, मेरठ से दिनेश गोयल और इलाहाबाद झांसी से डॉ. यज्ञदत्त शर्मा को प्रत्याशी बनाया है. वहीं, शिक्षक कोटे के लिए बीजेपी की ओर से लखनऊ से उमेश द्विवेदी, आगरा से दिनेश वशिष्ठ, मेरठ से श्रीषचंद्र शर्मा और बरेली-मुरादाबाद से हरि सिंह ढिल्लो प्रत्याशी हैं जबकि वाराणसी सीट पर चेतनारायण सिंह को पार्टी समर्थन कर रही है. इसके अलावा गोरखपुर-फैजाबाद से अजय सिंह प्रत्याशी हो सकते हैं.
मई में ही रिक्त हो गई थी सीटें
दरअसल, प्रदेश में 11 शिक्षक-स्नातक कोटे के विधान परिषद सदस्यों का कार्यकाल 6 मई 2020 को पूरा हो गया है. कोरोना संक्रमण के चलते इन 11 सीटों पर चुनाव निर्धारित समय पर नहीं हो सके हैं और अब इन सीटों पर चुनाव का ऐलान हुआ है. ऐसे में सत्ताधारी बीजेपी की विधान परिषद में अपनी सदस्य संख्या बढ़ाने के लिए शिक्षक एवं स्नातक क्षेत्र की सीटों पर नजर है. बीजेपी पहली बार शिक्षक कोटे की एमएलसी का चुनाव में उतरी है. वहीं, कांग्रेस और सपा भी विधान परिषद चुनाव के जरिए अपनी सियासी ताकत को आजमाना चाहती है.
इन सदस्यों का कार्यकाल पूरा हुआ
स्नातक कोटे की सीटों में लखनऊ क्षेत्र से कांति सिंह, वाराणसी क्षेत्र से केदारनाथ सिंह, आगरा से डॉ. असीम यादव, मेरठ क्षेत्र से हेम सिंह पुण्डीर और इलाहाबाद-झांसी क्षेत्र से डॉ. यज्ञदत्त शर्मा का कार्यकाल समाप्त हुआ है. ऐसे ही शिक्षक कोटे की सीटों में लखनऊ से उमेश द्विवेदी, वाराणसी से चेतनारायण सिंह, आगरा से जगवीर किशोर जैन, मेरठ से ओम प्रकाश शर्मा, बरेली-मुरादाबाद से संजय कुमार मिश्र और गोरखपुर-फैजाबाद से ध्रुव कुमार त्रिपाठी का कार्यकाल पूरा हुआ है.
विधान परिषद का समीकरण
बता दें कि विधानसभा में दो-तिहाई से ज्यादा बहुमत वाली योगी आदित्यनाथ की बीजेपी सरकार विधान परिषद में अल्पमत में है. यूपी के कुल 100 विधान परिषद सीटें हैं. इनमें से बीजेपी के पास महज 21 सदस्य हैं जबकि सपा के पास 55 सदस्य हैं और बसपा के पास 8 विधान परिषद सदस्य हैं. इसके अलावा कांग्रेस के पास दो सदस्य हैं, जिनमें से एक सदस्य दिनेश प्रताप सिंह ने बीजेपी का दामन थाम लिया है. इनके अलावा 5 सदस्य स्नातकों के द्वारा चुने जाते हैं और 6 सदस्य शिक्षक संघ के द्वारा चुनकर आते हैं, जिन पर चुनाव हो रहे हैं.