1 लाख से अधिक के बकायेदारों के अगले 48 घंटे में डोर नॉक हों: पं. श्रीकान्त शर्मा
- ऊर्जा मंत्री ने किया इंदिरानगर सेक्टर 24 उपकेंद्र का निरीक्षण
- सभी पात्र उपभोक्ताओं तक पहुंचें अधिकारी, उन्हें बताएं ओटीएस के फायदे
- चेयरमैन यूपीपीसीएल यह सुनिश्चित करें कि 48 घंटों में 1 लाख से ऊपर के बकायेदारों के हों डोर नॉक
- कमियों पर टेक्निकल ऑडिट कराने के निर्देश
- कई उपभोक्ताओं ने मौके पर कराया ओटीएस में पंजीकरण
- उपभोक्ताओं से लिया फीडबैक, कमियों को तत्काल दूर करने के दिए निर्देश
लखनऊ:ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री पं. श्रीकान्त शर्मा ने बुधवार को इंदिरानगर सेक्टर-25 स्थित बिजली घर, मीटर टेस्टिंग लैब का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कोविड-19 एकमुश्त समाधान योजना के पात्र उपभोक्ताओं के घर डोर नॉक कर उन्हें योजना के तहत सरचार्ज माफी का लाभ लेने के लिए प्रेरित भी किया। उपकेंद्र व मीटर टेस्टिंग लैब की व्यवस्थाओं में खामियों पर नाराजगी जताते हुए प्रबंध निदेशक से वहां टेक्निकल ऑडिट कराने के निर्देश दिए।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि राजधानी व मध्यांचल के सभी जनपदों में एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस) में सभी पात्र उपभोक्ताओं का पंजीकरण हो जाये। सभी को इसका लाभ मिले प्रबंध निदेशक यह सुनिश्चित करेंगे। अभी लखनऊ में कुल पात्र उपभोक्ताओं में केवल 30 फीसदी उपभोक्ताओं का पंजीकरण हुआ है, इनपर 172.56 करोड़ रूपये का बकाया है। सभी अधिकारी डोर नॉक कर उपभोक्ताओं को योजना के लाभ से अवगत कराएं।
उन्होंने इस बात पर भी नाराजगी जाहिर की कि अधिकारियों का उपभोक्ताओं से संवाद नहीं है। जिससे उपभोक्ता संतुष्टि के हमारे मानकों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। उन्होंने एमडी को निर्देश दिए कि सभी व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करें और जवाबदेही भी सुनिश्चित करें। कमियों पर उपकेंद्र व मीटर टेस्टिंग लैब की टेक्निकल ऑडिट कर जवाबदेही तय करने के निर्देश भी दिए।
उन्होंने सेक्टर 20, 22 व 25 में उपभोक्ताओं और दुकानदारों से भी फीडबैक भी लिया। उनके फीडबैक पर तत्काल कमियों को दूर करने के निर्देश दिए। ऊर्जा मंत्री ने उपभोक्ताओं को विभाग द्वारा सेवाओं को बेहतर किये जाने के प्रयासों के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने एक लाख से अधिक के बकाएदार उपभोक्ताओं का डोर नॉक किया और उन्हें ओटीएस के फायदे भी गिनाए, मौके पर कई उपभोक्ताओं ने योजना में पंजीकरण भी कराया।
उन्होंने निर्देश दिया कि गर्मियों के दृष्टिगत जो भी प्रस्ताव आये हैं, उनका पुनः परीक्षण करा लें और सभी तैयारियों को आवश्यकता के अनुरूप पूरा कर लें। गर्मियों में ट्रिपिंग की समस्या न हो अधिकारी उपकेंद्रों और ट्रांसफर्मरों का निरीक्षण कर कमियों को ठीक कर लें। गर्मियों में दिक्कत हुई तो डिस्कॉम की जवाबदेही भी तय की जाएगी।