उत्तर प्रदेश में पर्यटन की अपार संभावनाएं, मुकेश मेश्राम बोले बौद्ध और रामायण सर्किट का किया जा रहा है चहुंमुखी विकास
इसके लिए सभी निर्देशों का सख्ती से पालन करने की लिए टूरिज्म पुलिस को भी तैनात किया गया है।
उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश में बौद्ध परिपथ को विकसित करने के लिए एक मास्टर प्लान बना कर उसे साकार करने में जुट गई है। इस परिपथ के विकास से जहां विभिन्न देशों से आने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी और वही सरकार को अच्छा खासा राजस्व भी प्राप्त होगा। यह जानकारी देते हुए उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने बताया कि सारनाथ और कुशीनगर में अब सिर्फ दक्षिण पूर्व देशों के अलावा यूरोप से भी भारी संख्या में पर्यटक आने लगे हैं।
स्पेशल कवरेज न्यूज के साथ बातचीत में मुकेश मेश्राम ने बताया कि सारनाथ और कुशीनगर के चहुंमुखी विकास के लिए विश्व बैंक की मदद से सौ करोड़ की लागत से अनेक जरूरी और नए कार्य किए जा रहे हैं। सड़कें दुरुस्त की जा रही हैं और शौचालय और शुद्ध पेय जल के साथ पर्याप्त प्रकाश की व्यवस्था के साथ कई ध्यान केंद्र भी बनाए जा रहे है ताकि पर्यटक वहां से आधात्मिक संतुष्टि भी हासिल कर सकें।
उन्होंने बताया कि इसी तरह श्रावस्ती,कौशांबी और कपिलवस्तु के विकास के लिए भी कार्य किए जा रहे हैं। इन इलाकों में पहुंच के लिए सड़कें बनाई जा रही हैं। श्रावस्ती और कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे बना दिए गए हैं।
पर्यटन विभाग के मुख्य सचिव ने बताया कि प्रदेश में बौद्ध सर्किट के अलावा रामायण और महा भारत सर्किट के विकास के लिए भी योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं। उन्होंने रामायण परिपथ के विकास के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अयोध्या को लेकर एक विज़न डाक्यूमेंट तैयार किया गया ताकि यह तीर्थ पर्यटन के क्षेत्र में एक मिसाल बने। अयोध्या के विकास के लिए ढाई सौ करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। सबसे पहले अयोध्या में सरकार ने बारह सौ एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया है ताकि वहां पर होटल,संस्था और मठ आदि का निर्माण किया जा सके। साथ ही सरयू नदी की सफाई और सुरक्षित और साफ सुथरे घाटों का निर्माण भी किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार तीर्थ विकास परिषद बनाकर ब्रज,चित्रकूट,अयोध्या,नैमिशरण्य,देवी पाटन और विंध्याचल आदि तीर्थ क्षेत्रों का विकास किया जा रहा है। इन स्थलों का सर्वेक्षण कराया गया है ताकि पुराने महत्वपूर्ण और पूरा महत्व के स्थलों का संरक्षण किया जा सके और जरूरी बुनियादी सुविधाओं का इंतजाम किया जा सके।
एक सवाल के जवाब में मेश्राम ने बताया कि संचार तकनीक के जरिए भारत से बाहर विभिन्न देशों में रहने वाले भारत वंशियों को आकर्षित करने की योजना पर भी कार्य किया जा रहा है। उनकी नई पीढ़ियों को भी अपने पूर्वजों की मूल स्थली से अवगत कराया जा रहा है। इसके लिए अनेक वेबिनार आयोजित किए जा रहे हैं और अनेक तरह की फिल्में भी दिखाई जा रही हैं। साथ ही महत्वपूर्ण स्थलों के छोटे छोटे वीडियो भी बनाए जा रहे हैं। मेश्राम ने बताया कि इसके लिए दक्षिण अफ्रीका और शिकागो के अधिकारियों से मुलाकातें की गई है। उन्होंने बताया कि सरकार ने पावन पथ ओ आर जी नाम से एक वेबसाइट बनाया है कि प्रदेश के मंदिरों के अलावा अन्य महत्वपूर्ण स्थलों को लोग अपने घरों में बैठ कर देख सके इसके लिए सभी दर्शनीय और पूरा महत्व के स्थलों का डिजिटल करण कर रही है।
मेश्राम ने बताया कि सरकार दुधवा और करतनिया घाट के साथ बुंदेलखंड में इको टूरिज्म को विकसित करने की योजना प्र भी कम कर रही है। इन स्थलों पर पर्यटक कैसे प्रकृति के साथ जुड़ सकें उसकी तैयारी की जा रही है क्योंकि इन स्थलों पर प्राकृतिक छटाएं हैं। शानदार जल प्रपात हैं, नदी है,बड़े बड़े जलाशय हैं। बिजनौर में एडवेंचर टूरिज्म को विकसित किया जा रहा है।
एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने बताया पर्यटक स्थलों प्र निवेश के लिए बाहर के देशों के निवेशकों को आकृष्ट किया जा रहा है और उनके लिए सभी सरकारी प्रक्रिया को आसान बनाया जा रहा है ताकि उन्हें कोई कठिनाई नहीं हो। उन्होंने बताया कि कोरॉना के मद्देनजर भी व्यवस्था की जा रही है ताकि पर्यटक संक्रमित नहीं हो। इसके लिए सभी निर्देशों का सख्ती से पालन करने की लिए टूरिज्म पुलिस को भी तैनात किया गया है।