मुख्तार अंसारी सबूतों के अभाव में तीन मामलों में कोर्ट से बरी

जिन तीन मामलों में मुख़्तार अंसारी को बरी किया गया है, उनमें से एक 28 अप्रैल 2003 का है.

Update: 2020-12-24 04:01 GMT

लखनऊ : पंजाब के रोपड़ जेल में बंद माफिया मुख़्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को बड़ी राहत मिली है. सबूतों के आभाव में एमपी-एमएलए विशेष कोर्ट (MP-MLA Court) ने तीन मामलों में माफिया मुख्तार अंसारी को बरी कर दिया है. हालांकि, मुख्तार अंसारी के दोनों बेटों अब्बास अंसारी व उमर अंसारी की मुश्किलें बढ़ गई हैं. गाजीपुर में गजल होटल खरीद फरोख्त में फर्जीवाड़े के मामले में दोनों की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी गई है.

जिन तीन मामलों में मुख़्तार अंसारी को बरी किया गया है, उनमें से एक 28 अप्रैल 2003 का है. उस वक्‍त लखनऊ के तत्‍कालीन जेलर एसके अवस्थी ने अंसारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. आलमबाग थाने में दर्ज मामले में मुख्तार पर जेलर से गाली गलौज करते हुए पिस्तौल तानने का आरोप था. इसके अलावा 1999 में तत्कालीन डीआईजी (जेल) एसपी सिंह पुंढीर ने कृष्णा नगर थाने में मुख़्तार अंसारी के खिलाफ धमकाने की एफआईआर दर्ज कराई थी. साथ ही गैंगस्टर एक्ट के तहत हजरतगंज कोतवाली में भी एक मामला दर्ज हुआ था. इन सभी मामलों में साक्ष्यों के आभाव में मुख़्तार को बरी कर दिया गया.

बेटों की बढ़ी मुश्किलें

जहां एकतरफ मुख़्तार को राहत मिली है तो वहीं उनके दोनों बेटों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. गाजीपुर नगर के महुआबाग स्थित गजल होटल की भूमि के खरीद-फरोख्त के मामले में की गई हेराफेरी को संज्ञान में लेते हुए मुख्तार अंसारी के पुत्र अब्बास अंसारी एवं उमर अंसारी व अन्य के खिलाफ कोतवाली में मुकदमें दर्ज हैं. मुख्तार के दोनों बेटों के अधिवक्ता ने न्यायालय में अग्रिम जमानत अर्जी प्रस्तुत की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया.

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